Railway Projects: धड़ाधड़ मिल रही परियोजनाओं को मंजूरी, लेकिन नहीं मिल रही रेलवे को जमीन
Railway Projects को मंजूरी मिलने में देरी न होने के बावजूद अटक रही हैं परियोजनाएं. रेलवे अब जल्द से जल्द चाहता है जमीन का अधिग्रहण करना चाहता है.
इस समय railway project को मंजूरी मिलने में कोई देरी नहीं होती है. वहीं जमीन अधिग्रहण में देरी ने रेलवे की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इसे देखते हुए रेलवेज ने सभी जोनल रेलवे डिवीजन को पत्र लिखकर कहा है कि वे special railway project (SRP) नियमों का पालन करें.
Special railway project चिह्नित करने के क्या हैं फायदे
इस प्रावधान के तहत रेलवे के जनरल मैनेजर्स (जीएम) किसी परियोजना को स्पेशल के रूप में चिह्नित कर देते हैं. ऐसा होने पर जमीन से जुड़े मामलों में भुगतान के लिए joint account खोला जा सकता है. इससे राज्य सरकारों को जमीन के लिए वित्तीय मंजूरी में देने में खासी तेजी लाई जा सकती है. अगर कोई प्रोजेक्ट स्पेशल घोषित हो गया तो पेमेंट संबंधी दिक्कत दूर हो जाती है और अमूमन उसकी वजह से कोई परियोजना नहीं अटकती है.
रेल मंत्रालय ने लिखा पत्र
मिनिस्ट्री ने जोनल रेलवेज को लिखे पत्र में कहा है कि रेलवे की कुछ बुनियादी ढांचा परियोजनाएं हैं, जिन्हें स्पेशल घोषित नहीं किया गया है। उनके लिए लैंड एक्वीजिशन होना है. इससे भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में देरी हो रही है. अगर किसी special railway project के लिए joint account खुल जाता है तो फंड फंसने की संभावना कम होती है.
जमीन अधिग्रहण में देरी के कारण 285 Railway Projects अटके
रेल अधिकारी चिंतित हैं कि समय से जरूरी परियोजनाएं पूरी नहीं हो रही हैं. इस समय रेलवे की 285 परियोजनाएं अटकी हुई हैं। इनमें से ज्यादातर जमीन अधिग्रहण की समस्या की वजह से फंसी हैं। यहां तक कि समर्पित माल ढुलाई गलियारे और बुलेट ट्रेन जैसी प्रमुख परियोजनाएं भी जमीन मिलने में देरी की वजह से अटकी पड़ी हैं.
केंद्र सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए गति शक्ति योजना चलाई है. गति शक्ति के रेलवे डिवीजन ने देरी को लेकर न सिर्फ चिंता जताई है, बल्कि वह चाहती है कि जमीन अधिग्रहण की समस्या के कारण कोई परियोजना न अटकने पाए.
सरकार का कैपिटल इन्वेस्टमेंट पर जोर
केंद्र सरकार इस समय इन्फ्रास्ट्रक्टर प्रोजेक्ट्स पर बहुत जोर दे रही है. इसकी वजह यह है कि वैश्विक अनिश्चितता के कारण प्राइवेट सेक्टर से निवेश नहीं आ रहा है. ऐसे में सरकार की कोशिश है कि कैपिटल इन्वेस्टमेंट के माध्यम से अर्थव्यवस्था को गति दिए रखा जाए. इसमें सरकार को सफलता भी मिल रही है. इन्फ्रा से जुड़े सीमेंट सहित कई सेक्टर हैं, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग पॉजिटिव जोन में आ गया है. ऐसे में रेलवे की यह कवायद है कि काम में तेजी आए और इन्वेस्टमेंट में तेजी बनी रहे. इससे न सिर्फ कनेक्टिविटी की समस्या दूर होगी बल्कि इससे अर्थव्यवस्था की सुस्ती भी दूर होगी.