Railway Concession For Senior Citizen: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ( Ashwini Vaishnaw) ने सीनियर सिटीजंस (Senior Citizens) के रेल सफर (Rail Travel) करने पर रियायती टिकट की सुविधा को फिर से बहाल करने से इंकार कर दिया है. रेल मंत्री ने कहा कि बीते वर्ष पैसेंजर्स सर्विसेज पर रेलवे को सब्सिडी के तौर पर 59000 करोड़ रुपये खर्च करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि रेलवे पर पेंशन और सैलेरी का बोझ भी बहुत ज्यादा है.
राज्यों के बजट से है सब्सिडी खर्च
आपको बता दें कोविडकाल के शुरू के बाद से रेलवे ने सीनियर सिटीजंस को रेल किराये पर दिए जाने वाले छूट को सस्पेंड कर दिया था. रेल मंत्री ने कहा कि पैसेंजर सर्विसेज पर रेलवे को 59000 करोड़ रुपये सब्सिडी पर खर्च करना पड़ता है जो कि एक बड़ी रकम है. उन्होंने कहा कि ये रकम कुछ राज्यों के सलाना बजट से भी ज्यादा है. अश्विनी वैष्णव के मुताबिक रेलवे का सलाना पेंशन पर 60,000 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं. सैलेरी खर्च 97000 करोड़ रुपये है वहीं 40,000 करोड़ रुपये ईंधन पर खर्च करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष सब्सिडी पर रेलवे को 59000 करोड़ रुपये खर्च करना पड़ा है. रेलवे नई सुविधाओं को लेकर आ रहा है. अगर नए फैसले लेने हैं तो हम उसे लेंगे. लेकिन फिलहाल सभी को रेलवे की हालत को देखना चाहिए.
रेल टिकट पर छूट बहाल करने की मांग
महाराष्ट्र से लोकसभा सांसद नवनीत राणा ने रेल मंत्री से सवाल किया था कि सीनियर सिटीजन को रेल किराये पर दिए जाने वाले छूट को फिर से कब बहाल किया जाएगा. जिसका जवाब देते हुए रेलमंत्री ने कहा कि फिलहाल रेल टिकट पर कंसेशन को बहाल करना संभव नहीं है.
हर रेल यात्री को किराये में मिलता है 53% छूट
पिछले हफ्ते प्रश्वकाल में सीनियर सिटीजन को रेलवे कंसेशन देने को लेकर सवाल पूछा गया था. जिसके जवाब में रेल मंत्रालय ने कहा कि रेलवे में सफर करने वाले सभी यात्रियों पर वो औसतन 53 फीसदी की छूट देती है. साथ ही दिव्यांगजनों, छात्रों और मरीजों को इस छूट के अतिरिक्त वो रियायत प्रदान करती है. रेलमंत्री से सवाल पूछा गया कि रेलवे कंसेशन (Railway Concesion) के अभाव में 63 लाख सीनियर सिटीजंस ने रेल सफर करना बंद कर दिया है और क्या संसद की स्थाई समिति ( Parliament Standing Committee) ने सीनियर सिटीजंस को फिर से रेल किराये पर कंसेशन देने का सुझाव दिया है. इस सवाल के लिखित जवाब में रेल मंत्री ने कहा कि 2019-20 में रेलवे ने पैसेंजर टिकट पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है. यानि हर रेल यात्री को रेलवे ने किराये पर औसतन 53 फीसदी की छूट प्रदान की है.
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