AC-3 Economy Fare Reduced: रेलवे ने एसी-3 इकनॉमी क्लास का किराया सस्ता कर दिया है, साथ ही बेडिंग रोल की व्यवस्था पहले की तरह लागू रहेगी. अब ट्रेन के एसी थ्री इकोनॉमी कोच में सफर करना फिर से सस्ता हो गया है. रेलवे बोर्ड की ओर से जारी किए गए सर्कुलर के मुताबिक पुरानी व्यवस्था को बहाल करने का फैसला लिया गया है.
फैसला आज से हुआ लागू
बुधवार से यह फैसला लागू हो गया है. रेल अधिकारियों के मुताबिक, फैसले के तहत ऑनलाइन और काउंटर से टिकट लेने वाले यात्रियों को प्री बुक की गई टिकट का अतिरिक्त पैसा वापस किया जाएगा.
सामान्य एसी-3 से कम किया गया एसी-3 इकोनॉमी क्लास का किराया
नए आदेश के मुताबिक इकनॉमी क्लास सीट का ये किराया, सामान्य एसी-3 से कम किया गया है. हालांकि पिछले साल रेलवे बोर्ड ने एक सर्कुलर जारी किया था, उसमें एसी थ्री इकोनॉमी कोच और एसी थ्री कोच का किराया बराबर कर दिया था. नए सर्कुलर के मुताबिक किराया कम होने के साथ ही इकोनॉमी कोच में पहले ही तरफ कंबल और चादर देने की व्यवस्था लागू रहेगी.
कोच सस्ती एयर कंडीशनर रेल यात्रा सेवा है इकनॉमी एसी-3
दरअसल इकनॉमी एसी-3 कोच सस्ती एयर कंडीशनर रेल यात्रा सेवा है. इकनॉमी एसी-3 कोच की शुरूआत शयनयान श्रेणी के यात्रियों को 'सबसे अच्छी और सबसे सस्ती एसी यात्रा' मुहैया कराने के लिए हुई थी. इन कोच का किराया सामान्य एसी-3 सेवा के मुकाबले 6-7 फीसदी तक कम रहता है.
एसी थ्री इकोनॉमी में बर्थ की संख्या 80 होती है
रेल आधिकारियों के मुताबिक एसी थ्री कोच में बर्थ की संख्या 72 होती है, जबकि एसी थ्री इकोनॉमी में बर्थ की संख्या 80 होती है. ऐसा इसलिए हो पाता है, क्योंकि एसी थ्री कोच की अपेक्षा एसी थ्री इकोनॉमी कोच के बर्थ की चौड़ाई थोड़ी कम होती है. यही वजह है कि इससे रेलवे ने 'इकनॉमी' एसी-3 कोच से पहले ही साल में 231 करोड़ रुपये की कमाई की थी. आंकड़ों के मुताबिक केवल अप्रैल-अगस्त, 2022 के दौरान इस इकनॉमी कोच से 15 लाख लोगों ने यात्रा की और इससे 177 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी.
रेलवे की कमाई पर नहीं हुआ असर
इससे ये भी साफ है कि इन कोच की शुरूआत से सामान्य एसी-3 श्रेणी से होने वाली कमाई पर कोई असर नहीं पड़ा. इसलिए रेलवे ने अब एसी थ्री इकोनॉमी का किराया और कम कर दिया है.
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