देश की बड़ी कंपनी L&T के चेयरमैन एस एन सुब्रमण्यम का एक बयान इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल है. दरअसल, सुब्रमण्यम ने अपने एक बयान में कहा था कि कर्मचारियों को हर हफ्ते 90-घंटे काम करना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को रविवार को भी काम करना चाहिए.


उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर एक अलग तरह की बहस छिड़ गई है. अब इस बयान पर अलग-अलग सेक्टर के दिग्गज भी अपनी राय दे रहे हैं. अब इसी पर Bajaj Auto के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज ने भी एक बयान दिया है. चलिए, आपको बताते हैं कि आखिर उन्होंने इस 90 घंटे काम वाले फॉर्मूले पर क्या कहा है.


राजीव बजाज ने क्या कहा?


शुक्रवार को CNBC-TV18 से बातचीत करते हुए Bajaj Auto के मैनेजिंग डायरेक्टर, राजीव बजाज ने इस पर कहा कि अगर आप 90 घंटे काम का चलन शुरू करना चाहते हैं तो यह सिस्टम के सबसे ऊपर से शुरू होना चाहिए. इसके अलावा, राजीव बजाज ने कहा कि आप कितने घंटे काम करते हैं, ये मायने नहीं रखता है. बल्कि, आपको कितना बेहतर काम करते हैं, ये मायने रखता है. उन्होंने अपनी बातचीत में एक और बड़ी बात कही, उन्होंने कहा, "हमें पहले से भी ज्यादा दयालु और सौम्य दुनिया की जरूरत है."


राजीव बजाज के बयान की हो रही तारीफ


एक तरफ सोशल मीडिया पर जहां, L&T के चेयरमैन एस एन सुब्रमण्यम के बयान की जमकर मुखालिफत हो रही है. वहीं, दूसरी ओर राजीव बजाज के बयान की लोग सराहना कर रहे हैं. आपको बता दें, इससे पहले इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति ने भी कहा था कि युवाओं को हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहिए.


किन देशों के लोग करते हैं सबसे ज्यादा घंटे काम


अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के आंकड़ों के अनुसार, भारत 50.3 घंटे प्रति सप्ताह के औसत के साथ दुनिया के सबसे अधिक काम करने वाले देशों में शामिल है. वहीं इस लिस्ट में यूएई (50.9 घंटे) के साथ पहले नंबर पर है. तीसरे नंबर पर पाकिस्तान है और चौथे नंबर पर बांग्लादेश है, जहां लोग 49.9 घंटे काम करते हैं.


वर्क लाइफ बैलेंस क्या होगा?


संयुक्त राष्ट्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की हालिया रिपोर्ट्स ने लंबे समय तक काम करने के गंभीर परिणामों के बारे में दुनिया को आगाह किया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, ज्यादा काम न केवल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि यह मृत्यु का कारण भी बन सकता है. 2021 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2016 में 1.9 मिलियन मौतें काम से जुड़ी वजहों से हुईं. WHO के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने इसे चौंकाने वाला बताते हुए कहा कि यह एक चेतावनी है कि देशों और व्यवसायों को कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.


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