Rajiv Bajaj: हाई टैक्स सिस्टम पर हमलावर हुए राजीव बजाज, सरकार से मांगी राहत
Tax on Auto Industry: बजाज ऑटो के एमडी राजीव बजाज ने कहा कि आसियान देशों में टैक्स 8 से 14 फीसदी है. भारत में यह 28 फीसदी है. सरकार को इसे कम करके ऑटो इंडस्ट्री को राहत देनी चाहिए.
Tax on Auto Industry: बजाज ऑटो (Bajaj Auto) के एमडी राजीव बजाज (Rajiv Bajaj) ने देश में ऑटो इंडस्ट्री पर लग रहे हाई टैक्स सिस्टम (Tax System) की मुखालफत की है. उन्होंने कहा है कि एक तरफ तो देश उत्सर्जन के मानक बढ़ाए जा रहे हैं. दूसरी तरफ ऑटो इंडस्ट्री पर भारी भरकम 28 फीसदी टैक्स लगाया जाता है. आसियान देशों में ऑटो इंडस्ट्री पर जीएसटी की दर 8 से 14 फीसदी है. भारत में ऑटो इंडस्ट्री को सबसे ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ रहा है. उन्होंने सरकार से गाड़ियों पर लगने वाले टैक्स को 28 फीसदी से घटाकर 12 या 18 फीसदी करने की मांग की है.
उत्सर्जन मानक बढ़ रहे लेकिन कम नहीं हो रहा टैक्स
राजीव बजाज ने कहा कि मोटरसाइकिल लोगों की रोजमर्रा की जरूरत बन चुकी है. हमें सरकार द्वारा उत्सर्जन मानक बढ़ाए जाने से कोई दिक्कत नहीं है. मगर, बाइक पर टैक्स कम किया जाना चाहिए. अगर बाइक पर टैक्स 12 या 18 फीसदी हो जाता है तो ऑटो इंडस्ट्री को बहुत सहूलियत होगी. उन्होंने बाइक की बढ़ती कीमतों के लिए जरूरत से ज्यादा नियम और हाई टैक्स सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया है. बजाज ऑटो के एमडी ने कहा कि दोपहिया इंडस्ट्री अभी भी कोविड 19 से पहले की स्थिति में नहीं पहुंच पाई है.
पल्सर 400 के लॉन्च इवेंट में शामिल हुए राजीव बजाज
दरअसल, राजीव बजाज कंपनी की नई बाइक पल्सर 400 (Pulsar 400) के लॉन्च इवेंट में शामिल हुए थे. पल्सर रेंज की इस नई बाइक की कीमत 1.85 लाख रुपये रखी गई है. पल्सर NS400Z की सीधी टक्कर डोमिनार 400 (Dominar 400), केटीएम 390 ड्यूक (KTM 390 Duke) और ट्रायम्फ स्पीड 400 (Triumph Speed 400) से होगी. बजाज ऑटो अब तक लगभग 1.8 करोड़ पल्सर बेच चुकी है. साल 2001 में लॉन्च हुई यह बाइक अब तक कंपनी को 10 हजार करोड़ रुपये कमा कर दे चुकी है.
बजाज ऑटो को मार्च तिमाही में जबरदस्त मुनाफा
बजाज ऑटो को मार्च तिमाही में 1,936 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है. सालाना आधार पर इसमें लगभग 35 फीसदी का उछाल आया है. कंपनी को वित्त वर्ष 23 की सामान तिमाही में 1,433 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था. जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी रेवेन्यू भी 29 फीसदी बढ़कर 11,485 करोड़ रुपये हो चुका है. वित्त वर्ष 23 की सामान तिमाही में यह आंकड़ा 8,905 करोड़ रुपये रहा था.
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