एविएशन सेक्टर में राकेश झुनझुनवाला का बड़ा दांव, साल के आखिर तक खरीदेंगे 70 प्लेन
देश के सबसे बड़े निवेशक राकेश झुनझुनवाला एक नई एयरलाइंस कंपनी खोलने वाले हैं जिनमें उनकी हिस्सेदारी 40 प्रतिशत होगी. लोगों को सस्ते में उड़ान सेवा उपलब्ध कराने के लिए यह कंपनी शुरू की जा रही है.
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भारत का वारेन वफेट कहा जाने वाले राकेश झुनझुनवाला सस्ती उड़ान सेवा के लिए नई एयरलाइंस कंपनी ला रहे हैं. देश के सबसे बड़े निवेशक झुनझुनवला इस नए एयरलाइन वेंचर में 3.5 करोड़ डॉलर (लगभग 260.7 करोड़ रुपए) का निवेश कर सकते हैं. एयरलाइन कंपनी में अगले 4 साल में 70 विमानों को शामिल करने की बात भी सामने आ रही है. उम्मीद है कि साल के अंत तक कंपनी के विमानों का परिचालन शुरू हो जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक जेट एयरवेज के पूर्व सीईओ विजय दूबे के साथ झुनझुनवाला नई एयरलाइन का गठन करने वाले हैं. फोर्ब्स के मुताबिक झुनझुनवाला की नेटवर्थ 4.6 अरब डॉलर (लगभग 34.21 हजार करोड़ रुपए) है.
15 दिन के अंदर नो सर्टिफिकेट मिल जाएगा
रिपोर्ट्स के मुताबिक नई एयरलाइन के पीछे भारत के ज्यादा से ज्यादा लोगों को सस्ती हवाई यात्रा मुहैया कराने की मंशा है. झुनझुनवाला को कंपनी में 3.5 करोड़ डॉलर के निवेश पर 40% हिस्सेदारी मिलेगी. ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि हमें अगले 15 दिन में एविएशन मिनिस्ट्री से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) की उम्मीद है. घरेलू विमान सेवा में लॉकडाउन से पहले वृद्धि दर ऊंची रही है. लोग सस्ती दर पर विमानों में जाना पसंद करने लगे हैं. लॉकडाउन से पहले दिसंबर 2019 में 1.3 करोड़ पैसेंजरों ने उड़ान भरी, इनमें से 82 प्रतिशत ने सस्ती विमान सेवा का इस्तेमाल किया.
इंडिगो की घरेलू बाजार में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी
नई एयरलाइन कंपनी का नाम 'आकासा' (Akasa Air) हो सकता है. नई एयरलाइन कंपनी की टीम के साथ डेल्टा एयरलाइंस के पूर्व सीनियर एग्जीक्युटिव भी शामिल होंगे. राकेश झुनझुनवाला ने बताया कि एयरलाइन के बेड़े में शामिल होने वाले विमानों की क्षमता 180 पैसेंजर्स तक की हो सकती है. झुनझुनवाला के पास स्पाइसजेट और ग्राउंडेड एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज में 1-1% की हिस्सेदारी है. देश के घरेलू विमान बाजार में इंडिगो की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है. घरेलू विमान सेवा में 55 प्रतिशत हिस्सेदारी इंडिगो की है.
कोरोना संकट के बाद विमानन क्षेत्र में तरक्की की आस
महामारी के पहले भी विमान सेवा आर्थिक संकट से गुजर रही थी. उदाहरण के तौर पर किंगफिशर कभी देश की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन थी, लेकिन 2012 में कंपनी को अपना कारोबार ठप करना पड़ा. इसी तरह जेट एयरवेज भी 2019 से ग्राउंडेड है, जो अब एक फिर उड़ान भरने की तैयारी में है. टाटा ग्रुप और सिंगापुर एयरलाइन लिमिटेड के जॉइंट वेंचर वाली कंपनी विस्तारा और इंडिगो भी कोरोना महामारी के चलते आर्थिक तंगी में हैं. लेकिन उम्मीद है कि कोरोना संकट के बाद एक बार फिर विमान सेवा में तरक्की होगी. इसी उद्येश्य से राकेश झुनझुनवाला ने नई कंपनी खोलने की योजना बनाई है.
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