Derivatives Segment: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने अपने फाइनेंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट ( Financial Stability Report) में डेरिवेटिव्स सेगमेंट में रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी को लेकर चिंता जताते हुए आगाह किया है. आरबीआई के मुताबिक महज एक साल में डेरिवेटिव सेगमेंट में रिटेल निवेशकों की भागीदारी में 42.8 फीसदी का उछाल आया है. रिपोर्ट में कहा गया कि, बगैर किसी रिस्क मैनेजमेंट के बाजार में अचानक आए तेज मूवमेंट से निवेशकों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है और इसका असर कैश मार्केट पर देखने को मिल सकता है.
F&O वॉल्यूम में उछाल बनी चुनौती
फाइनेंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट में आरबीआई ने कहा, फ्यूचर एंड ऑप्शन वॉल्यूम में भारी उछाल कई चुनौतियां खड़ा कर रहा है. बाजार में तेज उतार-चढ़ाव का असर निवेशकों पड़ सकता है. इसका असर बाजार में कैश मार्केट पर देखा जा सकता है. आरबीआई ने कहा डेरिवेटिव सेगमेंट पर कड़ी नजर रखे जाने की दरकार है और उचित पॉलिसी एक्शन लिए जाने की जरूरत है. सेबी ने इस दिशा में कदम उठाते हुए सेकेंडरी मार्केट एडवाइजरी कमिटी के भीतर एक्सपर्ट वर्किंग ग्रुप का गठन कर दिया है जो निवेशकों की रक्षा और रिस्क मैनेजमेंट के लिहाज से प्यूचर एंड ऑप्शन मार्केट की समीक्षा कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक 2022-23 में किल 65 लाख रिटेल निवेशकों ने डेरिवेटिव सेगमेंट में भाग लिया था जो 2023-24 में 42.8 फीसदी के उचाल के साथ 95.7 लाख हो चुका है.
स्मॉल-मिडकैप स्टॉक्स में बुलबुला
आरबीआई ने पिछले कुछ सालों में मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में आई तेज उछाल और स्मॉलकैप और मिडकैप म्यूचुअल फंड में इंफ्लो भारी बढ़ोतरी पर चिंता जताते हुए कहा कि बाजार के कुछ पॉकेट्स में बुलबुला नजर आ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक एम्फी (Association of Mutual Funds in India) ने सेबी के साथ मिलकर सभी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के लिए रिस्क पैरामीटर का खुलासा करना जरूरी कर दिया है.
2023-24 में बढ़ा FPI निवेश
आरबीआई ने बताया कि 2023-24 में भारतीय कैपिटल मार्केट्स में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में जोरदार उछाल रहा है. 2022-23 में 5.5 बिलियन डॉलर की बिकवाली करने के बाद 2023-24 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 41 बिलियन डॉलर भारतीय कैपिटल मार्केट्स में निवेश किया है जिसमें 25.3 बिलियन डॉलर इक्विटी में, 14.2 बिलियन डॉलर डेट में और 1.5 बिलियन डॉलर हाईब्रिड सेगमेंट में निवेश किया गया है. हालांकि 12 जून 2024 तक एफपीआई फ्लो नेगेटिव में आ गया है और 3.9 बिलियन डॉलर का आउटफ्लो देखने को मिलता है. जबकि घरेलू निवेशक भारतीय शेयर बाजार पर लगातार बुलिश नजर आ रहे हैं.
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