Generic Adhaar: रतन टाटा की 87वीं जयंती देश के अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग तरह से खास है. कुछ उनके परोपकारी व्यक्तित्व को याद कर रहे हैं. कुछ उनकी सूझ-बूझ और दूरदर्शिता की तारीफ कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर इस तरह के पोस्ट की बाढ़ आई हुई है. उनमें से एक पोस्ट सबसे अलग है. यह पोस्ट है अर्जुन देशपांडे का. अर्जुन देशपांडे के लिए तो रतन टाटा पारस पत्थर की तरह थे जानिए कौन हैं अर्जुन देशपांडे जिन्होंने आज रतन टाटा की जयंती पर बड़ा संकल्प लिया है.
रतन टाटा ने किया था स्टार्टअप में निवेश
अर्जुन देशपांडे के पास एक कारोबारी आइडिया था परंतु उस आइडिया में निवेश कर कारोबारी मॉडल बनाने के लिए पैसे नहीं थे. उन्होंने रतन टाटा से मदद मांगी. रतन टाटा ने स्टार्टअप को केवल फाइनेंस ही नहीं किया, बल्कि चिड़िया जैसे अपने अंडे की देखभाल करती है, वैसे ही इनक्यूबेशन देकर कारोबार खड़ा कर दिया. आज अर्जुन देशपांडे की कंपनी जेनरिक आधार 500 करोड़ की हो चुकी है. इसलिए रतन टाटा को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए अर्जुन देशपांडे ने अगले साल बिना मुनाफा लिए यानी केवल लागत मूल्य पर देश में मरीजों को कैंसर की दवा बांटने का फैसला लिया है.
87 मरीजों को कैंसर की दवा मुफ्त बांटकर मनायी जयंती
अर्जुन देशपांडे ने 87 कैंसर मरीजों को मुफ्त दवा बांटकर सर रतन टाटा की 87वीं जयंती मनाई है. इंस्टाग्राम पर अपने पोस्ट में अर्जुन देशपांडे ने लिखा है कि मैंने अपने मेंटर रतन सर से किए वादे को याद रखा है. हर हाल में मैं कैंसर मरीजों के लिए किफायती दवा उपलब्ध कराऊंगा. अगले एक साल तक कैंसर मरीजों को जेनरिक आधार की ओर से केवल लागत मूल्य पर कैंसर की दवा उपलब्ध कराई जाएगी.
कैंसर की दवा केवल अमीरों के लिए नहीं हो
अर्जुन देशपांडे ने अपने पोस्ट में लिखा है कि रतन सर कहते थे कि कैंसर की दवा केवल अमीरों के लिए नहीं होनी चाहिए. मैं उनके जन्म दिन पर समाज की इस भयानक समस्या के समाधान का संकल्प लेता हूं.
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