Ratan Tata Birthday: 85 वर्ष के हुए दानवीर रतन टाटा, जिन्होंने 30 से ज्यादा स्टार्टअप्स में किया निवेश, जानिए उनका नेटवर्थ
Ratan Tata 85th Birthday: रतन टाटा नए उभरते हुए उद्यमियों को भी सपोर्ट करने के लिए जाने जाते हैं. 30 से ज्यादा दिग्गज स्टार्टअप्स को उन्होंने फंड किया है.
Ratan Tata Birthday: टाटा संस के चेयरमैन एमरिटस (अवकाश प्राप्त) रतन टाटा आज 28 दिसंबर को अपना 85वां जन्मदिन मना रहे हैं. रतन टाटा ना केवल दिग्गज उद्योगपति के तौर पर जाने जाते हैं बल्कि समाजिक कार्यो के साथ साथ देश के नए उभरते स्टार्टअप्स को भी वे खुलकर सपोर्ट देने के लिए भी विख्यात है. दो दशक से ज्यादा समय तक टाटा संस के चेयरमैन पद रहते हुए दिग्गज कंपनियों का दुनियाभर में अधिग्रहण कर टाटा समूह को वे नए मुकाम पर ले गए.
रतन टाटा की शिक्षा
28 दिसंबर, 1937 को रतन टाटा का जन्म हुआ था. उनके पिता का नाम नवल टाटा (Naval Tata) तो मां का नाम सुन्नु टाटा (Sonoo Tata) था. मुंबई के चैंपियन स्कूल में 8वीं कक्षा तक उन्होंने शिक्षा हासिल की. उसके बाद उन्होंने मुंबई के कैथेड्रल और जॉन कॉनोन स्कूल के अलावा शिमला के बिशप कॉट्टन स्कूल से भी शिक्षा प्राप्त की. 1955 में उन्होंने न्यू यार्क सिटी के रीवरडेल कंट्री स्कूल से स्नातक की पढ़ाई की. और अमेरिका के कॉरनेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की. 1975 में उन्होंने हॉवर्ड बिजनेस स्कूल से मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी की.
रतन टाटा का करियर
1962 में रतन टाटा ने टाटा स्टील से अपने करियर की शुरुआत की. उसके नौ साल बाद नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी में डायरेक्टर बनाए गए. 1977 में उन्हें टाटा समूह की कंपनी इंप्रेस मिल्स में भेजा गया जो कि बाद में बंद हो गया था. 1991 में जेआरडी टाटा ने रतन टाटा को अपना उत्ताराधिकारी नियुक्त किया. उसके बाद रतन टाटा लगातार टाटा समूह को नई ऊंचाईयों पर ले गए. 1998 में उन्होंने पहली देसी घरेलू छोटी कार इंडिका को लॉन्च किया. 2008 में रतन टाटा ने भारत में मध्यमवर्ग को ध्यान में रखते हुए लखटकिया कार नैनो भी लेकर आए.
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चेयरमैन पद पर रहते हुए उन्होंने विदेशी कंपनी टेटली, से लेकर कोरस, जगुआर-लैंडरोवर का भी अधिग्रहण किया. रतन टाटा 90 के दशक में ही एविएशन के क्षेत्र में कदम रखना चाहते थे जो तब सफल नहीं सका. बाद में उन्होंने विस्तारा को लॉन्च किया है और अब एयर इंडिया फिर से टाटा की हो चुकी है जो रतन टाटा का बड़ा सपना था. राष्ट्रीकरण किए जाने से पहले एयर इंडिया टाटा की ही हुआ करती थी. रतन टाटा के चेयरमैन रहते टाटा समूह के रेवेन्यू में 40 गुना का इजाफा हुआ तो मुनाफे में 50 गुना बढ़ोतरी हुई. 28 दिसंबर, 2012 को रतन टाटा ने चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया. उसके बाद सायरस मिस्त्री को चेयरमैन बनाया गया. हालांकि 24 अक्टूबर, 2016 को सायरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया गया और नटराजन चंद्रशेखरन को टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया.
रतन टाटा हैं दानवीर
रतन टाटा दिग्गज दानवीरों में से एक है. उनके 65 फीसदी शेयर्स चैरिटेबल ट्रस्ट में निवेशित है. जिसमें कॉरनेल यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले भारतीय छात्र को टाटा स्कॉलरशीप फंड के जरिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. 2010 में हावर्ड बिजनेस स्कूल में एग्जीक्यूटिव सेंटर के निर्माण के लिए 50 मिलियन डॉलर का दान उन्होंने किया था. 2014 में आईआईटी मुंबई को भी 95 करोड़ रुपये दान में दिए थे. कोरोना महामारी के दौरान 1500 करोड़ रुपये महामारी से मुकाबला करने और स्वास्थ्य सेवा के प्रबंध के लिए सरकार को दान किए थे. 26 नवंबर 2008 के मुंबई आतंकी हमले के दौरान रतन टाटा का नया व्यक्तित्व उभरकर सामने आया था. वे खुद ताज होटल के बाहर डटे रहे और पीड़ितों को मदद सुनिश्चित करने के लिए खुद होटल के बाहर डटे रहे. हमले में मारे या फिर घायल हुए होटल के सभी 80 कर्मचारी के घर वे खुद गए और परिवार वालों से मुलाकात की. आतंकी हमले में ताज होटल पैलेस को काफी नुकसान हुआ था. लेकिन ताज होटल्स ग्रुप की कंपनी इंडियन होटल्स के चेयरमैन होने के नाते उन्होंने फिर से होटल का जीर्णोधार कराया.
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स्टार्टअप्स में निवेश
रतन टाटा ने अबतक 30 से ज्यादा स्टार्टअप कंपनियों में निवेश किया है. जिसमें Ola Electric, Paytm, CarDekho, Snapdeal, Urban Company, Urban Ladder, LensKart और Cure.fit जैसे स्टार्टअप शामिल है. रतन टाटा अपने पर्सनल कैपेसिटी में या फिर अपने इवेंस्टमें कंपनी RNT कैपिटल एडवाइजर्स के जरिए निवेश करते हैं.
रतन टाटा का नेटवर्थ
रतन टाटा का नेटवर्थ करीब 3500 करोड़ रुपये के करीब है. आईआईएफएल वेल्थ हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के मुताबिक वे अमीरों की सूची में 433 वें स्थान पर थे.
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