ट्वीट कर रतन टाटा ने बताया, नहीं ख़रीदी इस कंपनी में हिस्सेदारी, सिर्फ़ किया छोटा निवेश
जेनरिक आधार बाजार मूल्य की तुलना में खुदरा दुकानदारों को सस्ती दरों पर दवा बेचती है.
नई दिल्ली: देश के बड़े उद्योगपति रतन टाटा ने मुंबई के 18 साल के लड़के की दवा बिक्री करने वाली कंपनी जेनरिक आधार में इनवेस्टमेंट किया है. पहले ऐसा कहा जा रहा था कि टाटा ने जेनेरिक आधार में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है. लेकिन रतन टाटा ने ट्वीट करके बताया है कि उन्होंने छोटा सा इनवेस्टमेंट किया है.
मुंबई के 18 साल के लड़के की दवा बिक्री करने वाली कंपनी जेनरिक आधार बाजार मूल्य की तुलना में खुदरा दुकानदारों को सस्ती दरों पर दवा बेचती है. महज 16 साल की उम्र में देशपांडे ने अपना स्टार्टअप शुरू किया था.
As happy as I am to support this venture, it has been a minority token investment. I have not purchased 50% stake in the company. pic.twitter.com/RXbC5aabiB
— Ratan N. Tata (@RNTata2000) May 8, 2020
बता दें कि इस हिस्सेदारी का टाटा ग्रुप से कोई लेना देना नहीं है. रतन टाटा इससे पहले भी ऐसे कई स्टार्टअप में निवेश कर चुके हैं, जिसमें Ola, क्योरफिट, अर्बन लैडर, Paytm, स्नैपडील, लेंसकार्ट और Lybrate शामिल हैं.
देशपांडे ने दो साल पहले जेनेरिक आधार कंपनी की शुरुआत की थी. कंपनी वार्षिक 6 करोड़ रुपए के रेवेन्यू का दावा करती है. ये स्टार्टअप यूनिक फार्मेसी-एग्रीगेटर बिजनेस मॉडल को फॉलो करता है. कंपनी निर्माताओं से सीधे जेनेरिक दवाओं को खरीदती है और खुदरा फार्मेसियों को बेचती है. इस कारण रिटेल फार्मेसी को 16-20 फीसदी मार्जिन बच जाता है, जो थोक व्यापारी कमाते हैं.
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