नई दिल्लीः देश के प्रसिद्ध औद्योगिक घराने टाटा समूह के चीफ रतन टाटा आरएसएस हेडक्वार्टर पहुंचे. वहां उन्होंनें सरसंघचालक मोहन भागवत से मुलाकात की. रतन टाटा ने संघ के सेवा कार्यो से जुड़ना की इच्छा प्रकट की है. बिजनेस जगत के लिए ये काफी चौंकाने वाली खबर हो सकती है. आरएसएस हेडक्वार्टर पर हुई इस मुलाकात के पीछे रतन टाटा की सामाजिक कार्यों से जुड़ने की इच्छा बताई जा रही है. रतन टाटा देश के सबसे सम्मानित इंडस्ट्रिलिस्ट में शामिल हैं और बिजनेस जगत में उनका नाम काफी आदर से लिया जाता है.


रतन टाटा ने आज नागपुर में सरसंघचालक मोहन भागवत से मुलाक़ात के दौरान संघ के सेवा कार्य और स्वयं के टाटा समूह को उनसे जोड़ने की इच्छा जाहिर की. आज दोपहर रतन टाटा नागपुर पहुंचे जहां पहले वो रेशमीबाग स्थित डॉक्टर हेडगेवार स्मृति मंदिर गए. वहां दर्शन के बाद वो संघ मुख्यालय पहुंचे. मोहन भागवत से मिलकर रतन टाटा ने संघ के सेवा कार्यो से जुड़ने की इच्छा जाहिर की है. ऐसा पता चला है कि खास आदिवासी क्षेत्र के काम और राष्ट्र निर्माण के लिए टाटा समूह की भागीदारी चाहते हैं. आपको बता दें कि समाज में टाटा समूह भी कई सेवा कार्यो के कामों से ख़ास अपने कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सबिलिटी के माध्यम से जुड़ा है.

पिछले कुछ दिनों से सायरस मिस्त्री को लेकर टाटा ग्रुप कंपनीज में जो कुछ हुआ है उसके बारे में मीडिया में बहुत कुछ छपा है. उसपर भी उन्होंने अपनी भूमिका भगवत के सामने रखी है. कुछ ही दिन पहले रतन टाटा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने गए थे. इस श्रृंखला को देखते हुए ये मीटिंग और भी अहम हो जाती है.

न्यूज एजेंसी एएनआई ने टाटा समूह के प्रमुख रतन टाटा के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ मुख्यालय पर सर संघचालक मोहन भागवत से मिलने की खबर ट्वीट करके दी है. हालांकि इस मुलाकात के संबंध में कोई सूचना मीडिया से साझा नहीं की गई है.


 


पिछले काफी समय से टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री के साथ उनके विवादों की खबरें बिजनेस जगत में छाई हुई हैं, साइरस मिस्त्री को अक्टूबर में टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाकर रतन टाटा को 4 महीने के लिए टाटा समूह का अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है. टाटा समूह और मिस्त्री के बीच विवाद काफी गहरा चुका है और अभी कल ही टाटा समूह ने मिस्त्री को कानूनी नोटिस भी भेजा है जिसमें उनपर कंपनी की गोपनीयता के उल्लंघन का आरोप लगाया है.