Narayana Murthy: टाटा ग्रुप (Tata Group) को नई दिशा दिखाने वाले दिग्गज कारोबारी और समाजसेवी रतन टाटा (Ratan Tata) अब हमारे बीच नहीं हैं. मगर, उनसे जुड़े किस्से सभी को जुबान पर हैं. एक ऐसा ही रोचक किस्सा इंफोसिस (Infosys) के फाउंडर नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने सुनाया है. उन्होंने बताया कि हमने अपनी कंपनी में जमशेदजी टाटा (Jamshedji Tata) रूम बनाया और उसके उद्घाटन के लिए रतन टाटा को निमंत्रण भेजा था. यह पत्र पाकर रतन टाटा चौंक गए थे. उनकी कंपनी टीसीएस (TCS) और इंफोसिस के बीच उस समय सीधी टक्कर चल रही थी. उन्होंने नारायण मूर्ति से पूछा भी था कि आपने आखिरकार मुझे क्यों बुलाया.


इंफोसिस के जमशेदजी टाटा रूम के उद्घाटन के लिए आए थे रतन टाटा  


नारायण मूर्ति ने वर्षों पुराना यह किस्सा याद करते हुए कहा कि रतन टाटा के लिए साल 2004 में हमारी ओर से भेजा गया यह निमंत्रण पत्र ताज्जुब की बात थी. मगर, हम प्रतिद्वंदिता के बावजूद उनका बहुत सम्मान करते थे. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (Tata Consultancy Services) के साथ हमारी कंपनी का तगड़ा कम्पटीशन चल रहा था. निमंत्रण पत्र पाने के बाद रतन टाटा से रहा नहीं गया और उन्होंने पूछा कि आपने मुझे क्यों बुलाया है. इसके जवाब में नारायण मूर्ति ने कहा कि जमशेदजी टाटा ने कई कंपनियों को तरक्की का रास्ता दिखलाया है. हम उन्हें एक ऐसी शख्सियत के तौर पर नहीं देखते, जो कि हमारी प्रतिद्वंदी कंपनी से जुड़े हुए हैं. हम उन्हें सम्मानित करना चाहते हैं. इसके लिए आपसे बेहतर कोई और हो ही नहीं सकता.


इंफोसिस के कर्मचारियों पर उनके आने का बहुत अच्छा असर हुआ


रतन टाटा ने यह निमंत्रण स्वीकार किया और वह इंफोसिस आए. यह इंफोसिस के लिए एक बड़ा पल था. वह आए और उन्होंने छोटा सा भाषण दिया. वह लंबा बोलना पसंद नहीं करते थे. उस समय टीसीएस देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी थी. हम उन्हें कड़ी टक्कर देने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने हमारी टीम के साथ काफी वक्त बिताया. हमारे कर्मचारियों पर उनके आने का बहुत अच्छा असर हुआ. उनके अंदर विनम्रता, देशभक्ति और दयालुता का भाव भरा हुआ था. साल 2020 में नारायण मूर्ति को रतन टाटा को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड देने का मौका भी मिला था.


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