Loan EMI to Increase: दो दिन पहले एचडीएफसी बैंक ने अपने एमसीएलआर में इजाफा कर दिया है और हर तरह के लोन की ब्याज दरें महंगी कर दी हैं. इससे पहले भी एक्सिस बैंक और कई बैंक लगातार अपने लोन की ब्याज दरें बढ़ाते जा रहे हैं. ऐसे में बहुत से कस्टमर उपाय सोच रहे हैं कि कैसे जेब पर बढ़ रहे बोझ को कम किया जाए और इसके लिए अपने मौजूदा कर्ज की अवधि बढ़वाने पर विचार कर रहे हैं. 


हालांकि लोन लेने वालों के इस प्लान के पूरा न होने की आशंका है क्योंकि मंथली ईएमआई बढ़ने के बावजूद होम लोन लेने वाले ग्राहकों के लोन के अवधि पर असर पड़ने की संभावना नहीं है. लोन की अवधि बढ़ाने की बजाए बैंक उनकी ईएमआई और महंगी कर सकते हैं, ऐसा एक रिपोर्ट के मुताबिक बताया गया है.


लैंडर्स के पास लोन टेन्योर बढ़ाने की गुंजाइश कम- रेटिंग एजेंसी इक्रा 
रेटिंग एजेंसी इक्रा के मुताबिक, होम लोन देने वाली कंपनियों के पास कर्ज अवधि यानी लोन टेन्योर बढ़ाने की गुंजाइश कम है. मुख्य होम लोन सेगमेंट में पहले से ही किस्तें भरने की लंबी अवधि है और लोन टेन्योर में एक और बढ़ोतरी से यह कर्ज लेने वालों के कुल वर्किंग लाइफ से आगे निकल जायेगी. इक्रा के वित्तीय क्षेत्र की रेटिंग प्रमुख मनुश्री सागर ने कहा कि इसके कारण होम लोन के लिए मासिक किस्तें (ईएमआई) 12 से 21 फीसदी बढ़ जाएंगी. वहीं, अफोर्डेबल होम लोन सेगमेंट के मामले में यह आठ से 13 फीसदी बढ़ सकती हैं.


उन्होंने कहा, "ब्याज दरों में और बढ़ोतरी की संभावना है. इसलिए कर्ज देने वाले लैंडर्स के पास कर्ज की अवधि बढ़ाने की सीमित गुंजाइश है. इस प्रकार ईएमआई की राशि को बढ़ाना होगा और इसमें बदलाव करना होगा. हालांकि, इससे एचएफसी के ऐसेट क्वालिटी इंडीकेटर्स पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है."


बढ़ी ब्याज दरों का सारा बोझ ग्राहकों पर नहीं 
इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि मौजूदा प्रतिस्पर्धा को देखते हुए लैंडर्स सारा का सारा बोझ ग्राहकों पर शायद नहीं डालेंगे जिससे ईएमआई के बढ़ने की संभावना सीमित होगी. जैसा कि हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों में हो रहा है कि जिन्होंने वित्त वर्ष 2013 की पहली छमाही में लैंडिग रेट 0.50 फीसदी से 1 फीसदी के बीच बढ़ाए हैं जबकि आरबीआई ने बेंचमार्क रेपो रेट में कुल 1.90 फीसदी का इजाफा अभी तक कर दिया है.


मई से अबतक 1.90 फीसदी रेपो रेट बढ़ा चुका है RBI
जानकारी के लिए बताया जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में ऊंची महंगाई दर को काबू में करने के लिए इस साल मई के बाद से नीतिगत ब्याज दरों के तहत रेपो रेट में 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी की है. इससे लोन लेने वालों के जरिए पेमेंट की जाने वाली दरों में भी इजाफा दर्ज किया है क्योंकि कई बैंक अपने कर्ज आरबीआई के रेपो रेट के ही अनुपात में बढ़ा रहे हैं. 


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