Razorpay and Cashfree: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेजरपे (Razorpay) और कैशफ्री (Cashfree) को एक साल बाद बड़ी राहत दी है. आरबीआई द्वारा इन दोनों कंपनियों के पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस (PA License) पर लगाया गया प्रतिबंध हटा लिया है. अब ये कंपनियां ऑनलाइन पेमेंट के लिए कारोबारियों से टाई अप कर पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर काम कर सकेंगी. पिछले साल इन्हें सैद्धांतिक तौर पर पीए लाइसेंस मिल गया था. मगर, आरबीआई ने फाइनल लाइसेंस मिलने तक काम करने पर रोक लगा रखी थी. इन दोनों कंपनियों के अलावा पेटीएम, जसपे और पेयू भी फाइनल लाइसेंस मिलने का इंतजार कर रहे हैं.


पिछले साल 16 दिसंबर को लगा था लाइसेंस पर बैन 


केंद्रीय बैंक ने पिछले साल 16 दिसंबर को दोनों कंपनियों के लाइसेंस पर बैन लगाया था. इसके बाद से ही ये कंपनियां परेशान थीं. आरबीआई ने उनसे अपने प्लेटफॉर्म पर नए कारोबारियों को जोड़ने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था. इन कंपनियों से फाइनल लाइसेंस मिलने तक का इंतजार करने को कहा गया था. 






सोशल मीडिया पर खुशी जाहिर की 


कैशफ्री ने मंगलवार को एक लिंक्डइन पोस्ट में लिखा कि आरबीआई ने हमें पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर काम करने की मंजूरी दे दी है. इस निर्णय से कंपनी बहुत खुश है. अब हम कैशफ्री के पेमेंट गेटवे पर नए कारोबारियों को जोड़ सकेंगे. ऐसा ही पोस्ट कंपनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी किया. उधर, रेजरपे ने अपने आधिकारिक बयान में बताया कि अब हमें अपने पेमेंट गेटवे प्लेटफॉर्म पर नए व्यापार लाने की अनुमति मिल गई है. आरबीआई ने हमें पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर काम करने की मंजूरी दे दी है.  






पेटीएम, पेयू और जसपे को है इंतजार 


आरबीआई ने इन दोनों ऑनलाइन पेमेंट गेटवे को फाइनल पेमेंट एग्रीगेटर (PA) लाइसेंस मिलने तक काम करने से रोका था. अब इनको पीए लाइसेंस मिल गया है. इसके साथ ही यह दोनों कंपनियां पेटीएम, पेयू और जसपे जैसे प्लेटफॉर्म्स से आगे निकल गई हैं. इन्हें अभी भी आरबीआई के पीए लाइसेंस का इंतजार है.


सारे ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करा सकेंगी 


पीए लाइसेंस की मदद से अब यह कंपनियां कारोबारियों और ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को हर तरीके के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने में मदद कर सकेंगी. चाहे पेमेंट नेटबैंकिंग, यूपीआई या क्रेडिट/डेबिट कार्ड समेत किसी भी जरिए से किया जाए. कारोबारियों और ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को अपना पेमेंट सिस्टम बनाने की कोई जरूरत नहीं होगी. 


कड़ा ऑडिट करती है आरबीआई 


पाइन लैब्स, रेजरपे और स्ट्राइप को 2022 में सबसे पहले पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस मिला था. मगर, वह एक साल से भी ज्यादा समय से आरबीआई की मंजूरी का इंतजार कर रहे थे. आरबीआई पीए लाइसेंस देने से पहला कड़ा ऑडिट करती है. इसमें महीनों लग जाते हैं. 


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