वीजा और मास्टरकार्ड जैसे इंटरनेशनल पेमेंट मर्चेंट्स को भारत में बड़ा झटका लगा है. रिजर्व बैंक ने वीजा और मास्टरकार्ड पर एक्शन लेते हुए उन्हें कार्ड से बिजनेस पेमेंट रोकने के लिए कहा है. एक्शन के बाद दोनों पेमेंट मर्चेंट्स के वरिष्ठ अधिकारियों ने सेंट्रल बैंक के अधिकारियों से मुलाकात की है. कार्ड पेमेंट्स में वैल्यू के हिसाब से वीजा और मास्टरकार्ड का दबदबा है.


कार्ड से ऐसे पेमेंट को सस्पेंड करने का निर्देश


रिजर्व बैंक ने यह एक्शन 8 फरवरी को लिया. रिजर्व बैंक ने वीजा और मास्टरकार्ड से कंपनियों के द्वारा कार्ड के जरिए किए जाने वाले बिजनेस पेमेंट (कमर्शियल पेमेंट) को सस्पेंड करने के लिए कहा है. रिजर्व बैंक ने उन्हें अगले नोटिस तक बिजनेस पेमेंट सॉल्यूशन प्रोवाइडर्स (बीपीएसपी) के सभी ट्रांजेक्शन को सस्पेंड करने के लिए कहा है.


रिजर्व बैंक को इन बातों का हुआ शक


रिजर्व बैंक ने इस एक्शन के पीछे के कारण के बारे में अभी नहीं बताया है. हालांकि खबरों में बताया जा रहा है कि कार्ड का इस्तेमाल करते हुए ऐसे मर्चंट्स को पेमेंट किए जा रहे थे, जिनकी केवाईसी नहीं हुई है. आरबीआई को यह बात खटक रही थी. इसके अलावा रिजर्व बैंक को कुछ बड़े ट्रांजेक्शंस पर फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग का शक हो रहा था.


क्रेडिट लाइन के तहत मिलते हैं ऐसे कार्ड


दरअसल इस तरह के कार्ड बैंक बड़े कॉरपोरेट को जारी करते हैं. ये कॉरपोरेट को बैंकों से मिलने वाले क्रेडिट लाइन के तहत मिलते हैं. बड़े कॉरपोरेट इन कार्ड का इस्तेमाल छोटी कंपनियों को पेमेंट करने में करते हैं. आरबीआई कोऐसे कुछ मामले मिले, जिनमें कार्ड के जरिए होने वाले कमर्शियल पेमेंट की व्यवस्था का इस्तेमाल करते हुए बड़े कॉरपोरेट ने बैंकों से मिली क्रेडिट लाइन के पैसे ऐसी छोटी कंपनियों को भुगतान किए, जिनकी केवाईसी नहीं की गई थी. इससे आरबीआई को संदेह हुआ कि कार्ड रूट का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में हो रहा है.


आरबीआई के अधिकारियों से हुई मुलाकात


कुछ मीडिया रपटों में दावा किया जा रहा है कि आरबीआई के एक्शन के बाद दोनों शीर्ष पेमेंट मर्चेंट्स वीजा और मास्टरकार्ड के टॉप एक्जीक्यूटिव बुधवार को आरबीआई के अधिकारियों से मिले. बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, वीजा और मास्टरकार्ड के टॉप एक्जीक्यूटिव्स यह जानना चाहते थे कि कॉरपोरेट कार्ड-टू-बिजनेस अकाउंट मनी ट्रांसफर के मामले में अब किस तरह के बिजनेस मॉडल को फॉलो करना है. इसके लिए ही उन्होंने आरबीआई के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की.


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