Sovereign Gold Bond Scheme: अगर निवेशकों ने मई 2017 से मई 2000 के बीच सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में पैसा लगाया था तो उनके लिए कमाई का मौका आ चुका है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मई 2017 और मार्च 2020 के बीच जारी किए गए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) के प्रीमैच्योर रिडीम्पशेन का ऐलान कर दिया है. आरबीआई के मुताबिक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) होल्डर गोल्ड बॉन्ड जारी होने की तारीख से पांच साल तक के होल्डिंग पीरियड के पूरा होने के बाद प्रीमैच्योर रिडीम्पशेन (समय से पहले रिडीम) के लिए रिक्वेस्ट कर सकते हैं.
आरबीआई की गाइडलाइंस के मुताबिक 11 अक्टूबर 2024 से 30 सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के प्रीमैच्योर रिडीम्पशेन की प्रक्रिया पूरी करना चाहता है. आरबीआई ने इसके लिए मार्च 2025 तक का समय सोचा है. देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई ने इसके लिए कैलेंडर भी जारी कर दिया है क्योंकि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) आरबीआई ही जारी करता है.
क्या हैं रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस में खास बातें
- एसजीबी होल्डर गोल्ड बॉन्ड जारी होने की तारीख से पांच साल के होल्डिंग टाइम के बाद प्रीमैच्योर रिडीम करने के लिए अनुरोध कर सकते हैं.
- SGB होल्डर अपनी रिडीम्पशेन रिक्वेस्ट NSDL, CDSL या आरबीआई रिटेल डायरेक्ट के इससे जुड़े ऑफिस के जरिए विंडो के दौरान जमा करें.
- निवेशकों को जो तय जमा अवधि बताई गई है उसका पालन करना होगा, हालांकि गैर निर्धारित-छुट्टियों के मामले में रिडीम्पशेन डेट बदल सकती हैं.
- अधिक जानकारी के लिए, निवेशक ऑफिशियल आरबीआई सर्कुलर की समीक्षा करें या उन अथॉरिटी अधिकारयों से मिलें जिन्होंनेआपको बॉन्ड जारी किया था.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेशक क्यों कमाते हैं अच्छा रिटर्न?
शेयर मार्केट में आ रही तेजी के हिसाब से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के निवेशकों के इंवेस्टमेंट की वैल्यू बढ़ती है और भारतीय शेयर बाजार लंबे समय से शानदार रिटर्न दिला ही रहा है. निवेशकों को हर साल SGB पर 2.5 फीसदी के ब्याज से रिटर्न मिलता है. गोल्ड बॉन्ड मैच्योर होने के बाद जो रकम मिलती है वो भी पूरी तरह टैक्स फ्री होती है. अगर इंवेस्टर ऑनलाइन बॉन्ड खरीदे तो 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट भी मिलती है.
केंद्र सरकार क्यों बंद कर सकती है गोल्ड बॉन्ड स्कीम
SGB से भले ही निवेशकों को गोल्ड बॉन्ड के रूप में फायदे हो रहे हों लेकिन सरकार के मुताबिक ये उसके लिए महंगे साबित हो रहे हैं. फरवरी में पेश हुए आम बजट 2024 में बताया गया था कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के निवेशकों सरकार के ऊपर का काफी ज्यादा बकाया है. मार्च 2020 में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का बकाया अब बढ़कर 85 हजार करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है, लिहाजा सरकार एसजीबी को बंद करने के बारे में फैसला ले सकती है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की शुरुआत नवंबर 2015 में हुई थी और सितंबर 2024 में इसे बंद करने की अटकलें कई मीडिया रिपोर्ट्स में आ चुकी हैं. अगर ऐसा होता है तो इस स्कीम के 10 साल भी पूरे नहीं हो पाएंगे.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के जरिए आप 24 कैरेट के 99.9 फीसदी शुद्ध सोने में निवेश कर सकते हैं. इसमें निवेश करने वाले को डबल मुनाफा मिलता है क्योंकि किसी जरूरत के चलते अगर आपको पैसों की जरूरत पड़ती है तो इस बॉन्ड के बदले लोन भी लिया जा सकता है.
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