RBI Report on 500 Rupee Note: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा कि देश में चलन में मौजूद कुल करेंसी में 500 रुपये मूल्य के नोट की हिस्सेदारी मार्च, 2024 तक बढ़कर 86.5 फीसदी हो गई, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 77.1 फीसदी थी. रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट में इस उछाल के लिए पिछले साल मई में 2000 रुपये के नोट को वापस लेने को मुख्य वजह बताया गया है. इस फैसले की वजह से 2000 रुपये वैल्यू के नोट की हिस्सेदारी एक साल पहले की समान अवधि के 10.8 फीसदी से घटकर सिर्फ 0.2 फीसदी रह गई है.
देश में 500 रुपये के सबसे ज्यादा 5.16 लाख नोट मौजूद
आरबीआई की एनुअल रिपोर्ट में साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 31 मार्च, 2024 तक मात्रा के हिसाब से 500 रुपये के सबसे ज्यादा 5.16 लाख नोट मौजूद थे. वहीं 10 रुपये के नोट 2.49 लाख संख्या के साथ दूसरे स्थान पर रहे. रिपोर्ट कहती है कि वित्त वर्ष 2023-24 में चलन में मौजूद बैंक नोटों के मूल्य और मात्रा में क्रमशः 3.9 फीसदी और 7.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह बढ़ोतरी क्रमशः 7.8 फीसदी और 4.4 फीसदी रही थी. कीमत के लिहाज से चलन में मौजूद बैंक नोटों की संख्या में बढ़ोतरी हाल के सालों में सबसे कम है.
नकली नोटों की संख्या पर भी पड़ा असर
वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, इस वापसी का नकली नोटों की पहचान पर भी असर पड़ा है. इस दौरान 2,000 रुपये के 26,000 से अधिक नकली नोट पकड़े गए जबकि एक साल पहले 9,806 नकली नोट चिह्नित किए गए थे. हालांकि, 500 रुपये के पकड़े गए नकली नोटों की संख्या एक साल पहले के 91,110 से घटकर 85,711 रह गई.
आरबीआई ने करेंसी नोटों की छपाई पर खर्चे 5100 करोड़ रुपये
वित्त वर्ष 2023-24 में आरबीआई ने नोटों की छपाई पर 5,101 करोड़ रुपये खर्च किए जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 4,682 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. रिजर्व बैंक ने लोगों के बीच करेंसी के इस्तेमाल को लेकर एक सर्वेक्षण भी किया. इसमें 22,000 से ज्यादा लोगों ने संकेत दिए कि डिजिटल पेमेंट के तरीके पॉपुलर होने के बावजूद कैश अब भी 'प्रचलित' है.
2000 रुपये के नोट वापस लेने के बारे में रिपोर्ट में तर्क
यह रिपोर्ट 2000 रुपये के नोट वापस लेने के बारे में कहती है कि 2016 में नोटबंदी के बाद शुरू किए गए इस मूल्य वर्ग के लगभग 89 फीसदी नोट चार साल से ज्यादा समय से चलन में थे. उन्हें बदलने की जरूरत थी और इसके अलावा उन नोट का लेनदेन में आमतौर पर इस्तेमाल नहीं होता था. रिपोर्ट के मुताबिक, जनता के पास मौजूद 2000 रुपये के कुल 3.56 लाख करोड़ रुपये कीमत के नोटों में से 31 मार्च तक 97.7 फीसदी वापस कर दिए गए थे.
CBDC को लेकर दिया आरबीआई ने डेटा
पायलट मॉडल पर पेश की गई सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) यानी ई-रुपया का कुल बकाया मूल्य 234.12 करोड़ रुपये आंका गया है, जबकि मार्च, 2023 में यह 16.39 करोड़ रुपये था.
ये भी पढ़ें