Inoperative Bank Accounts: बैंकिंग सेक्टर के रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों (Banks) को निष्क्रिय ( Inoperative) या फ्रीज किए हुए अकाउंट्स ( Frozen accounts) की संख्या को कम करने का आदेश दिया है. आरबीआई ने कहा है कि, बैंक ऐसे खातों के वैलिडेशन की प्रक्रिया को सुगम और आसान बनाएं जिसमें मोबाइल या इंटरनेट बैंकिंग, नॉन-होम ब्रांच, वीडियो कस्टमर आईडेंटिफिकेशन प्रोसेस के माध्यम से कस्टमर्स के केवाईसी को अपडेट किया जा सके.
निष्क्रिय-फ्रीज खातों को सक्रिय करने के लिए चलाएं विशेष अभियान
आरबीआई ने अपने आदेश में कहा, इस अपडेशन के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की स्कीमों जैसे डीबीटी (DBT) या ईबीटी (EBT) के लाभार्थियों के खातों में डीबीटी - ईबीटी रकम के बिना रोकटोक देन-देन की सुविधा को बनाए रखने के लिए इस पूरे प्रक्रिया से अलग रखा जाए. आरबीआई के मुताबिक ऐसे मामले देखें गए हैं जिसमें लाभार्थियों के बैंक खातों के केवाईसी नहीं होने के चलते अकाउंट को फ्रीज कर दिया गया है. आरबीआई के मुताबिक, ऐसे खाते ज्यादातर समाज के वंचित वर्गों के लोगों से जुड़े हैं, इसलिए बैंकों को ऐसे मामलों में सहानुभूतिपूर्वक दृष्टिकोण अपनाकर खातों को सक्रिय करने की प्रक्रिया को आसान करना चाहिए. आरबीआई ने बैंकों से निष्क्रिय या फ्रीज खातों को सक्रिय करने के लिए विशेष अभियान चलाने को कहा है. इसके अलावा, बैंकों को आधार से संबंधित सेवाएं प्रदान करने वाली शाखाओं के माध्यम से ग्राहकों के लिए आधार अपडेशन की सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया है.
आरबीआई करेगा बैंकों के प्रयासों की निगरानी
आरबीआई ने बैंकों को स्पष्ट तौर पर कहा है कि निष्क्रिय खातों या फ्रीज किए हुए खातों की संख्या में कमी लाने के प्रयासों को आरबीआई बोर्ड का कस्टमर सर्विस कमिटी मॉनिटर करेगा. साथ ही बैंकों से हर तिमाही बेसिस पर 31 दिसंबर 2024 से DAKSH पोर्टल के माध्यम से अपने सीनियर सुरवाइजरी मैनेजर को रिपोर्ट करना होगा.
KYC अपडेशन में भारी परेशानी
आरबीआई ने इसे लेकर जारी किए गए अपने नोटिफिकेशन में कहा, रेगुलेटर के सुपरविजन करने वाले डिपार्टमेंट ने एक एनालसिस किया है जिसमें पाया गया कि निष्क्रिय या अनक्लेम्ड खातों (Unclaimed Deposit) में जमा रकम बैंकों के पास जमा कुल डिपॉजिट्स से ज्यादा है. इसकी मुख्य वजह बैंक खातों में लंबे समय से कोई ट्रांजैक्शन का नहीं किया जाना से लेकर ऐसे खातों में लंबित केवाईसी अपडेशन (KYC Updation) शामिल है. आरबीआई के डिपार्टमेंट ऑफ सुपरविजन के मुताबिक, ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने के लिए बैक से संपर्क करते हैं तो उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. आरबीआई ने अपने जांच में पाया कि कुछ बैंकों में बड़ी संख्या में ऐसे खाते लंबित पड़े हैं जिसका केवाईसी अपडेशन किया जाना बाकी है जिसके चलते बैंकों के अपने पॉलिसी के तहत ऐसे खातों में कोई ट्रांजैक्शन करने पर रोक लगा दी गई है.
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