RBI Dividend: भारतीय रिजर्व बैंक बोर्ड की बैठक आज यानी 19 मई 2023 को होने वाली है. इस बैठक के दौरान कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं. इसी में से एक फैसला आरबीआई की ओर से अपने लाभ और डॉलर की बिक्री होने वाले मुनाफे के कारण अधिकारिक अनुमानों से मोदी सरकार को डबल डेबिडेंड तक बढ़ा सकता है. यह वित्तीय घाटे को पाटने का काम करेगा. 


ब्लूमबर्ग के सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष के मार्च तिमाही के लिए इकोनॉमिस्ट 10.9 अरब डॉलर या 900 ​अरब रुपये सरप्लस ट्रांसफर का अनुमान लगाते हैं. यह सरकार के 6.2 बिलियन डॉलर के अनुमान से ज्यादा है. पिछले साल आरबीआई ने दशक में सबसे कम 303.1 अरब रुपये का पेआउट अप्रूव किया था. 


जीडीपी टारगेट को पूरा करने में करेगा मदद 


RBI बोर्ड की बैठक शुक्रवार यानी आज है. बैठक के दौरान उच्च ब्याज दर और ग्लोबल डिमांड में कमी को लेकर चर्चा हो सकती है. एक उच्च डेविडेंड पेआउट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को राजको​षीय घाटे को कम करने में मदद करने के साथ ही सकल घरेलु उत्पाद के टारगेट 5.9 फीसदी को पूरा करने में मदद करेगा. इससे एक साल पहले ये 6.4 फीसदी था और 2024 के चुनाव से पहले बढ़ा देगा. 


सरकार को काफी ज्यादा डेविडेंड की उम्मीद 


ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई काफी ज्यादा डेविडेंड जारी करेगी, ताकि सरकार की उधारी कम करने में काफी मदद होगी. एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की अर्थशास्ती माधवी अरोड़ा ने कहा कि वित्त वर्ष 2022—23 में करीब रिकॉर्ड विदेशी मुद्रा ​सेल से लाभ होगा. उनका कहना है कि डेविडेंड जीडीपी में 0.2 फीसदी के अतिरिक्त राजस्व में ला सकता है. यह कम निवेश और धीमी राजस्व की भरपाई कर सकता है. 


आरबीआई का डेविडेंड भुगतान अनुमान 


ब्लूमबर्ग सर्वे के मुताबिक, अनुमान है कि आरबीआई का डेविडेंड भुगतान 6.8 बिलियन डॉलर और 21.4 बिलियन डॉलर के बीच कहीं भी हो सकता है, जो कि 2018—19 में पिछले रिकॉर्ड सेट से ज्यादा है. इस साल फरवरी तक ग्यारह महीने की अवधि के दौरान 206 अरब डॉलर से ज्यादा की बिक्री है, जबकि वित्तीय वर्ष 2021—22 में यह 97 अरब डॉलर से कम था. 


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