RBI Board Meeting: RBI बोर्ड ने की आर्थिक हालात की समीक्षा, केंद्र सरकार को 30,307 करोड़ रुपये डिविडेंड देने पर लगाई मुहर
RBI: आरबीआई बोर्ड ने 2021-22 के लिए केंद्र सरकार को 30,307 करोड़ रुपये का सरप्लस रकम ट्रांसफर करने का फैसला लिया है.
RBI Board Meeting: आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में आरबीआई के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मुंबई में बैठक हुई है. बैठक में मौजूदा आर्थिक हालात , वैश्विक घरेलू चुनौतियों से लेकर भू-राजनीतिक प्रभावों के असर को लेकर चर्चा की गई. आरबीआई बोर्ड की बैठक में अप्रैल 2021 से लेकर मार्च 2022 वित्त वर्ष के दौरान आरबीआई के कामकाज को लेकर चर्चा की गई. बैठक में आरबीआई बोर्ड ने 2021-22 के लिए केंद्र सरकार को 30,307 करोड़ रुपये का सरप्लस रकम ट्रांसफर करने का फैसला लिया है. वहीं आरबीआई ने आकस्मिक जोखिम बफर (Contingency Risk Buffer) को 5.50% पर बनाए रखने का फैसला किया है. आरबीआई बोर्ड द्वारा केंद्र सरकार को 2021-22 के लिए सरप्लस यानि डिविडेंड के तौर पर दिया जाने वाला रकम सरकार के अनुमान से कम है. सरकार ने 73,948 करोड़ रुपये डिविडेंड मिलने का लक्ष्य रखा था.
बढ़ती महंगाई ने बढ़ाई चिंता
बहरहाल खुदरा महंगाई दर और थोक मूल्य आधारित महंगाई दर के आंकड़ों के 9 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचे के बाद आरबीआई के लिए मुश्किल घड़ी है. एक तरफ उसपर मॉनिटरी पॉलिसी के जरिए महंगाई दर घटाने की चुनौती है तो दूसरी तरफ आर्थिक विकास को तेजी करने की जिम्मेदारी है. उसपर से डॉलर के रुपये लगातार कमजोर हो रहा है जिसने आरबीआई की परेशानी बढ़ा रखी है. गुरुवार को रुपये के मुकाबले डॉलर 77.73 प्रति डॉलर तक जा लुढ़का है. जून में मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ( Monetary Policy Committee) की बैठक में आरबीआई फिर से रेपो रेट ( Repo Rate) में बढ़ोतरी का ऐलान कर सकता है. जानकारों की मानें तो जून महीने में आरबीआई अपने मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ( MPC) की बैठक में 25 से 35 फीसदी रेपो रेट में बढ़ोतरी का ऐलान कर सकता है. रेपो रेट को मौजूदा स्तर 4.40 फीसदी से बढ़ाकर 4.75 फीसदी तक किया जा सकता है. ऐसा हुआ तो आपकी ईएमआई ( EMI) और महंगी हो सकती है.
6 से 8 जून तक होगी आरबीआई की एमपीसी की बैठक
6 जून 2022 से आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी की 3 दिनों की बैठक शुरू होगी. और 8 जून को मॉनिटरी पॉलिसी में लिए निर्णय का ऐलान किया जाएगा. इससे पहले आरबीआई की 4 मई को मॉनिटरी की पॉलिसी की बैठक के बाद अचानक रेपो रेट को 40 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 4.40 फीसदी और कैश रिजर्व रेशियो ( Cash Reserve Ratio) को 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 4 फीसदी से 4.50 फीसदी कर दिया. हालांकि सीआरआर ( CRR) में बढ़ोतरी 21 मई से लागू होने जा रहा है. जिसके बाद बैंकों सिस्टम में मौजूद नगदी में कमी आएगी.
रेपो रेट बढ़ने के बाद से महंगा हुआ कर्ज
आरबीआई ने 4 मई को रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट बढ़ोतरी का ऐलान किया तब से लगातार सरकारी - निजी बैंकों से लेकर हाउसिंग फाइनैंस कंपनियां होम लोन से लेकर दूसरे प्रकार के लोन महंगा करती जा रही हैं. तो जो कस्टमर पहले से लोन ले चुके हैं उनकी ईएमआई महंगी होती जा रही है. और ईएमआई महंगे होने का सिलसिला यहीं थमने वाला नहीं है. जून में मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक के बाद फिर से लोन लेने वालों को झटका लग सकता है.
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