(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
RBI Bulletin: आरबीआई बुलेटिन के मुताबिक, खुदरा महंगाई दर में कमी से देश के इकोनॉमी को हुआ बड़ा फायदा
RBI Bulletin News: आरबीआई के बुलेटिन में बॉन्ड यील्ड में उछाल और कच्चे तेल में उबाल को ग्लोबल ग्रोथ के लिए बड़ा जोखिम करार दिया गया है.
RBI Bulletin Update: सितंबर महीने में देश में खुदरा महंगाई दर में कमी के चलते मैक्रोइकोनॉमिक बुनियादी सिद्धांतों को मजबूती मिली है जबकि ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ की रफ्तार तीसरी तिमाही के दौरान कम होती नजर आ रही है. बैंकिंग सेक्टर के रेग्यूलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ने अक्टूबर 2023 महीने के लिए जारी बुलेटिन में लिखे लेख ये बातें कही गई है.
अर्थव्यवस्था की हालत को लेकर लिखे लेख में कहा गया कि भारतीय करेंसी में उतार चढ़ाव में कमी देखने को मिल रही है. खुदरा महंगाई जुलाई महीने के उच्च स्तर से नीचे आ गई है. 12 अक्टूबर को सांख्यिकी मंत्रालय ने सितंबर महीने के लिए खुदरा महंगाई दर का जो डेटा जारी किया था उसके मुताबिक खुदरा महंगाई दर सितंबर में घटकर 5.02 फीसदी के करीब आ गई है जो जुलाई महीने में 7.44 फीसदी पर जा पहुंची थी. साग-सब्जियों और फ्यूल प्राइसेज में कमी के चलते खुदरा महंगाई दर में कमी देखने को मिली है.
आरबीआई के बुलेटिन के मुताबिक तीसरी तिमाही से वैश्विक आर्थिक ग्रोथ की रफ्तार कमजोर मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी और सख्त वित्तीय हालत के चलते धीमी पड़ती जा रही है. हालांकि उभरती अर्थव्यवस्थाएं चौंकाने का काम कर रही है. बॉन्ड यील्ड में उछाल और कच्चे तेल में उबाल को ग्लोबल ग्रोथ के लिए बड़ा जोखिम करार दिया गया है. आरबीआई के बुलेटिन में लिखी बातें आरबीआई का मत नहीं है बल्कि लेख लिखने वाले लेखकों का विचार होता है.
आरबीआई के बुलेटिन में 2022 के बाद क्रेडिट ग्रोथ में तेजी को लेकर भी बातें कही गई है. मॉनिटरी पॉलिसी के ऐलान करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी कुछ प्रकार के पर्सलन लोन देने में आई तेजी पर चिंता जाहिर कर चुके हैं. आरबीआई इसपर कड़ी निगाह रख रहा है. बैंकों और एनबीएफसी से अपने निगरानी तंत्र को मजबूत करने को कहा गया है. आरबीआई के डेटा के मुताबिक नॉन-फूड बैंक क्रेडिट में 25 अगस्त तक 19.9 फीसदी का उछाल आया है. जबकि पर्सलन लोन में 30.8 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है.
ये भी पढ़ें