RBI Bulletin: वित्त वर्ष 2023-24 के पहले छमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने शानदार ग्रोथ दर्ज की है. और ये उम्मीद की जा रही है कि कॉरपोरेट जगत की ओर से किए जाने वाले कैपिटल एक्सपेंडिचर की बदौलत अर्थव्यवस्था में अगले दौर की तेज ग्रोथ देखने को मिल सकती है. बैंकिंग सेक्टर के रेग्यूलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ने फरवरी महीने के लिए जारी किए गए बुलेटिन में ये बातें कही है.  


भारतीय अर्थव्यवस्था में जारी रहेगी तेजी 


आरबीआई बुलेटिन में स्टेट ऑफ इकोनॉमी पर लिखे लेख में कहा गया है कि ये संकेत मिल रहे हैं 2024 में वैश्विक अर्थव्यवस्था उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर सकता है और जो जोखिमों नजर आ रहे थे उसे बेहतर तरीके से बैलेंस करने की कोशिश की गई है. बुलेटिन के लेख के मुताबिक हाई फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर्स की मानें तो 2023-24 की पहली छमाही में जो भारतीय अर्थव्यवस्था ने तेजी दिखाई है वो आगे भी जारी रह सकती है. 


निजी क्षेत्र से बढ़ेगा कैपिटल एक्सपेंडिचर


आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा के नेतृत्व वाली एक टीम द्वारा लिखे गए लेख में कहा गया कि, कॉरपोरेट जगत की ओर से कैपिटल एक्सपेंडिचर के नए दौर की उम्मीद से चलते इकोनॉमिक ग्रोथ में अगले दौर की तेजी नजर आ सकती है. आरबीआई ने 2024-25 में 7 फीसदी आर्थिक विकास दर रहने का अनुमान जताया है. 


घट रही है महंगाई 


महंगाई को लेकर आरबीआई बुलेटिन में कहा गया है कि नवंबर दिसंबर के उछाल के बाद जनवरी 2024 में खुदरा महंगाई दर में कमी आई है. जबकि कोर इंफ्लेशन अक्टूबर 2019 के बाद सबसे कम है. लेख में कहा गया है कि महंगाई को लेकर मौजूदा हालात पक्ष में नजर आ रहा है जिससे डिमांड बढ़ने के आसार के मद्देनजर कॉरपोरेट्स के लिए विस्तार योजना को अंजाम देने के लिए स्थिर माहौल पैदा हो सकेगा. जनवरी 2024 में खुदरा महंगाई दर घटकर 5.1 फीसदी पर आ गई है जो दिसंबर 2023 में 5.69 फीसदी थी. आरबीआई ने 2024-25 में 4.5 फीसदी खुदरा महंगाई दर रहने का अनुमान जताया है. 


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