Indian Economy: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने अनुमान जताया है कि 2022-23 की दूसरी तिमाही में भारत का सकल घरेलू उत्पाद यानि जीडीपी 6.1 से लेकर 6.3 फीसदी के बीच रह सकता है. अपने लेटेस्ट मंथली बुलेटिन में आरबीआई (RBI) ने कहा है कि अगर इन ग्रोथ रेट के अनुमानित दरों को हासिल कर लिया जाता है तो 2022-23 में भारत का जीडीपी  (GDP) 7 फीसदी रह सकता है.


देश के इकोनमिक ग्रोथ का आउटलुक ( Economic Growth Outlook) देते हुए आरबीआई बुलेटिन ( RBI Bulletin) में कहा गया कि हाई फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर्स के आधार पर दूसरी तिमाही में जीडीपी 6.1 से लेकर 6.3 फीसदी के बीच रह सकता है. तीसरी तिमाही के प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए आरबीआई के बुलेटिन में कहा गया कि अर्थव्यवस्था में सप्लाई के मोर्चे पर सुधार देखा जा रहा है. इस खरीफ मार्केटिंग सीजन में चावल की खरीद बीते साल के पार कर गई है.हालांकि गेहूं की खरीद घटी है.रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर नार्थईस्ट मानसून और जलाशयों मे पानी के पर्याप्त भंडार के चलते रबी की बुआई साल दर साल बढ़ी है


आरबीआई के मुताबिक महंगाई ( Inflation) में कमी आने का सिलसिला शुरू हो चुका है. घरेलू मैक्रोइकोनमिक आउटलुक बेहतर नजर आ रहा लेकिन वैश्विक चुनौतियां बनी हुई है. आरबीआई के बुलेटिन के मुताबिक जब शहरी इलाकों में मांग बढ़ी है तो ग्रामीण इलाकों में सुस्ती है पर हाल के दिनों में थोड़ी सुधार नजर आ रहा है. 


आरबीआई हर महीने अपने जानकारों के लेख के आधार पर ये बुलेटिन जारी करता है. आपको बता दें 30 नवंबर को सांख्यिकी मंत्रालय 2022-23 के दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी के आंकड़े जारी करेगा तो 5 से 7 दिसंबर तक आरबीआई के मनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक होने वाली है जिसमें रेपो रेट पर फैसला लिया जा सकता है.


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