नई दिल्लीः रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल की अगुवाई वाली छह सदस्यों की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने आज मौद्रिक नीति की समीक्षा शुरू कर दी. इस समीक्षा के नतीजों का एलान कल होगा. उम्मीद की जा रही है कि कमेटी रेपो रेट में चौथाई से 0.5 फीसदी तक की कटौती का एलान कर सकती है. लेकिन ग्राहकों से वसूली जाने वाली ईएमआई में कमी तभी हो सकती है, जब रिजर्व बैंक सीआरआर से जुड़े अपने पिछले आदेश की समीक्षा करे.


अब तक आरबीआई ने कितनी घटाईं दरें और बैंकों ने कितना दिया फायदा
रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल कल मौद्रिक नीति की समीक्षा जारी करेंगे. इसमें रेपो रेट में 0.25 फीसदी से 0.5 फीसदी की कटौती की उम्मीद है. ऐसा हुआ तो रेपो रेट 6 फीसदी या पौने छह (5.75%) फीसदी पर आ जाएगी. रेपो रेट वो ब्याज दर है जिस पर रिजर्व बैंक एक से तीन दिनों के लिए बैंकों को कर्ज मुहैया कराता है. रिजर्व बैंक बीते साल जनवरी से लेकर अब तक रेपो रेट में पौने दो फीसदी (1.75%) की कटौती कर चुका है. लेकिन बैंकों ने ग्राहकों से वसूली जाने वाली ब्याज दरें औसतन एक फीसदी ही घटाई हैं.


बैंकों का कहना है कि रेपो रेट में कमी के बाद पहले तो सस्ता पैसा जुटाना पड़ता है, उसके बाद ही कर्ज पर ब्याज दर में कमी का रास्ता खुलता है. दूसरी ओर रेपो रेट पर मिलने वाली रकम, बैंकों की कुल नकदी में एक छोटा सा ही हिस्सा है. इन्ही सब कारणों से रेपो रेट में की गयी पूरी पूरी कटौती आम ब्याज दर में दिखती नहीं.


कैसे कम होगी ईएमआई, अब क्या करेंगे बैंक?
नोटबंदी के कारण बैंकों को एक नई परेशानी से जूझना पड़ रहा है. बैंकों के डिपॉजिट में भारी बढ़ोतरी हुई है और वो भी बेहद सस्ती दरों पर. लेकिन रिजर्व बैंक ने 16 सितम्बर से 11 नवम्बर के दौरान डिपॉजिट में हुई पूरी बढ़ोतरी को कैश रिजर्व रेशियो यानी सीआरआर के तौर पर रखने को कहा है. इस आदेश के चलते बैंकों की सवा तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रकम रिजर्व बैंक के पास जमा हो गई है. इस रकम पर बैंकों को कोई ब्याज नहीं मिलेगा. इससे बैंकों के लिए फंड की प्रभावी लागत बढ़ गई और ब्याज दरों में फौरन कमी आने की उम्मीदों पर पानी फिर गया. अब बैंक कह रहे हैं कि सीआरआर पर रिजर्व बैंक के पिछले आदेश की समीक्षा के बाद ही ब्याज दर में कमी का रास्ता खुल सकता है.

रिजर्व बैंक कह चुका है कि सीआरआर की नई शर्तों की 9 नवम्बर या उसके पहले ही समीक्षा कर सकता है. उम्मीद है कि बुधवार को इस बारे में भी रिजर्व बैंक स्थिति साफ कर सकता है जिसके बाद आप अपनी ईएमआई में कमी की उम्मीद कर सकते हैं.