RBI News Update: बैंकिंग सेक्टर के रेग्यूलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट जारी करने वाले अनऑथराइज्ड इकाईयों से आगाह किया है. आरबीआई ने बताया कि उसके संज्ञान में ये बात सामने आई है कि हरियाणा के गुरुग्राम स्थित टॉकचार्ज टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड जिसका रजिस्टर्ड ऑफिस का पता यूनिट नंबर - 233, जेएमडी मेगापॉलिस, थर्ड फ्लोर, सोहना रोड, सेक्टर - 48 है वो अपने वेबसाइट और टॉकचार्ज नाम के ऐप के जरिए प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट जारी कर रहा है. आरबीआई ने कहा कि टॉकचार्ज ने बगैर पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम्स एक्ट 2007 के तहत ऑथराइजेशन लिए बगैर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट जारी कर रहा है. 


आरबीआई ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि 2 अप्रैल 2004 को इस इकाई को प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स या वॉलेट्स जारी करने पर रोक लगाने को सेंट्रल बैंक ने कहा है. साथ ही टॉकचार्ज नाम के इस इकाई को 15 दिनों के भीतर वॉलेट में रखे बैलेंस को कस्टमर्स को वापस करने को कहा गया है और अब इस अवधि को टॉकचार्ज के अनुरोध के बाद 45 दिन बढ़ाकर 17 मई 2024 कर दिया गया है. 


आरबीआई ने बताया कि कंपनी ने अपने कस्टमर्स को लीगल नोटिस जारी कर कैशबैक को वापस करने को कहा है और ऐसा नहीं किए जाने पर मामले को आरबीआई को रिपोर्ट करने की बात कही जा रही है. आरबीआई ने कहा कि इसके जरिए कस्टमर्स के मन में ये बात बैठाने की कोशिश की जा रही है कि कैशबैक के रीपेमेंट का डिमांड आरबीआई के निर्देश पर किया जा रहा है. आरबीआई ने अपनी सफाई में कहा कि उसने टॉकचार्ज टेक्नोलॉजीज को केवल उस प्रीपेड अमाउंट वापस करने को कहा है जो कस्टमर्स के वॉलेट में पड़ा हुआ है. 


आरबीआई ने आम नागरिकों को वेबसाइट या ऐप इस्तेमाल करने के दौरान बेहद सावधानी बरतने को कहा है और ऐसे अनऑथराइज्ड इकाईयों में पैसा जमा करने से पहले खुद उसे वेरिफाई करें और खुद उसकी उसकी प्रमाणिकता की जांच करने को कहा है. आरबीआई ने बताया कि ऑथराइज्ड पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर्स या ऑथराइज्ड पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स की सूची आरबीआई की वेबसाइट पर मौजूद है.      


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