RBI Says: सोशल - प्रिंट मीडिया में चलाया जा रहा गैरकानूनी कर्ज माफी का अभियान, आरबीआई ने ऐसे ऑफरों से किया आगाह
RBI Warns On Loan Waiver: आरबीआई ने कहा ऐसे झूठे भ्रमित करने वाले ऑफरों से वित्तीय संस्थानों की स्टैबिलिटी को देने की चुनौती के साथ डिपॉजिटर्स के हितों की भी अनदेखी की जा रही है.
RBI Warns On Loan Waiver Campaign: क्या आपने बैंकों से कर्ज लिया हुआ है? क्या आपको सोशल मीडिया के जरिए कर्ज माफ करने का ऑफर मिला है? क्या आपने अखबारों में कर्ज माफी करवाने वाले ऑफरों का विज्ञापन देखा है. तो ऐसे विज्ञापनों से सावधान हो जाइए. सोशल मीडिया प्लेफॉर्म्स या फिर अखबारों में छपने वाले ऐसे विज्ञापनों को लेकर बैंकिंग सेक्टर के रेग्यूलेटर्स भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्ज लेने वाले ग्राहकों को आगाह किया है.
कर्ज माफ कराने वाले विज्ञापनों से रहे सावधान
आरबीआई ने प्रेस रिलीज जारी कर आम नागरिकों को ऐसे झूठे और भ्रमित करने वाले विज्ञापनों से सावधान रहने को कहा है. बैंकिंग रेग्यूलेटर ने कहा कि गैरकानूनी तरीके से चलाये जा रहे ऐसे अभियान और विज्ञापनों के झांसे में आने पर लोगों को भारी फाइनेंशियल नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक ने नागरिकों से ऐसे ऑफर देने वालों या अभियान चलाने वालों के खिलाफ कानून का पालन कराने वाले एजेंसियों यानि पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराने को कहा है.
RBI Cautions against unauthorised campaigns on Loan waiverhttps://t.co/OJIq2TCm2A
— ReserveBankOfIndia (@RBI) December 11, 2023
प्रिंट - सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा अभियान
आरबीआई ने कहा, उसने ऐसे भ्रमित करने वाले विज्ञापन देखें हैं जो कर्ज लेने वालों को कर्ज माफ कराने का ऑफर दे रहे हैं. ऐसी इकाईयां प्रिंट मीडिया से लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अभियान चला रही हैं. ऐसी रिपोर्ट हैं कि ये इकाईयां बगैर किसी अथॉरिटी के कर्ज माफी का सर्टिफिकेट देने के बदले में सर्विस या लीगल फीस चार्ज कर रही हैं. आरबीआई ने कहा कि हमारे संज्ञान में ये भी आया है कि कुछ जगहों पर कुछ लोगों की तरफ से इसे लेकर अभियान चलाया जा रहा है जो कि बैंकों के अधिकारों को चुनौती देने का काम कर रहे हैं.
वित्तीय संस्थानों की स्थिरता को खतरा
आरबीआई ने कहा कि ये लोग नागरिकों को कह रहे हैं कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों को कर्ज वापस करने की जरुरत नहीं है. ऐसी घटनाएं वित्तीय संस्थानों की स्टैबिलिटी को चुनौती दे रही हैं साथ ही डिपॉजिटर्स के हितों की भी अनदेखी कर रहे हैं. आरबीआई ने आम लोगों को ऐसे झूठे और भ्रमित करने वाले विज्ञापनों के झांसे में ना आने की चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे लोगों के साथ जुड़ने से नागरिकों को भारी नुकसान भी हो सकता है.