Fixed Deposit Rules Changed: मई और जून के महीने में भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने रेपो रेट (Repo Rate) में बढ़ोतरी की है. इसके अगर बैंक की एफडी में निवेश की प्लानिंग (FD Investment Planning) कर रहे हैं तो जान लें कि आरबीआई (RBI) ने एफडी के नियमों में बड़े बदलाव (RBI Changed Rules of FD) किए हैं. इन नियमों को मई के महीने में ही लागू भी कर दिया गया है. ऐसे में एफडी निवेश से पहले इन बदले नियमों के बारे में जानना बहुत जरूरी है. यह नए नियम सभी सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के बैंकों पर लागू होंगे.
नियमों में बदलाव एफडी की मैच्योरिटी पर किया गया है. तो चलिए हम आपको इन नए नियमों के बारे में बताते हैं. अगर आप इन नियमों को फॉलो नहीं करते हैं तो आपको एफडी की मैच्योरिटी (FD Maturity) के बाद बड़ा नुकसान हो सकता है.
एफडी के मैच्योरिटी पर बदले नियम
आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ने फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit Rate) के नियमों में बदलाव किया है. अगर कोई कस्टमर एफडी की मैच्योरिटी के बाद अकाउंट में जमा राशि को क्लेम नहीं करता है तो ऐसी स्थिति में उसे एफडी पर पूरा ब्याज नहीं मिलेगा. यह ब्याज सेविंग खाते (Saving Bank Account) में जमा होने वाले ब्याज के बराबर होगा. इस कारण ग्राहकों को समय पर एफडी को क्लेम करना आवश्यक हो गया है क्योंकि आमतौर पर सेविंग खाते पर 2.5% से 3.5% तक ब्याज मिलता है. वहीं 5 से 10 साल तक की एफडी पर आपको 5% अधिक ब्याज दर मिलता है. ऐसे में आपको इस कारण बड़ा नुकसान हो सकता है.
कम ब्याज दर मिलेगा
बता दें कि अगर कोई ग्राहक एफडी (FD) पूरा होने के बाद जमा राशि को क्लेम नहीं करता हैं तो ऐसी स्थिति में उसे बैंक के सेविंग खाते या एफडी जो भी कम ब्याज दर ऑफर कर रहा होगा वह जमा राशि पर मिलेगा. वहीं पहले अगर कोई व्यक्ति पैसे को क्लेम नहीं करता था तो ऐसी स्थिति में जमा राशि को दोबारा से उसी अवधि की एफडी में बदल दिया जाता था लेकिन, अब ऐसा नहीं किया जाएगा. ऐसे में आप एफडी की मैच्योरिटी (Maturity of FD) के बाद तुरंत पैसे निकाल दें.
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