2000 Rupees Note: भारतीय रिजर्व बैंक ने 19 मई 2023 को 2000 रुपये के नोट को वापस लेने का फैसला किया था. यह नोट 23 मई यानी की कल से बैंकों में एक्सचेंज किए जाएंगे. 30 सितंबर 2023 तक इसे बदलने के लिए समय दिया गया है. आरबीआई ने कहा है कि इन नोटों को केवल चलन से हटाया गया है, लेकिन ये ​लीगल टेंडर बनें रहेंगे. 


क्या है क्लीन नोट पॉलिसी 


आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को वापस लेने का फैसला क्लीन नोट पॉलिसी के तहत लिया है. RBI के क्लीन नोट पॉलिसी ये सुनिश्चित करता है कि अच्छे क्वालिटी के बैंक नोट लोगों तक पहुंचे. इस पॉलिसी का उद्देश्य भारतीय करेंसी के डैमेज, नकली और गंदे नोटों को हटाकर भारतीय मुद्रा की अखंडता को बनाए रखना है. 


क्लीन नोट पॉलिसी के तहत क्या होता है? 


क्लीन नोट पॉलिसी के तहत, बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट को अनफिट या डैमेज नोटों को सर्कुलेशन से बाहर करना होता है. इसके साथ इन नोटों को नए नोटों के साथ बदलना होता है. आरबीआई की इस ​नीति के तहत सर्कुलेशन में नोटों की क्वालिटी को मॉनिटर किया जाता है. 


2018 में छपाई रोक दी गई थी 


दिसंबर 2013 में आरबीआई की ओर से क्लीन नोट पॉलिसी के तहत बैंकों को खराब, गंदे और डैमेज नोटों को अच्छे क्वालिटी वाले नोटों के साथ बदलने के लिए कहा गया था. गौरतलब है कि 2000 नोटों की छपाई 2016 में शुरू की गई थी और नोटबंदी के बाद इसे लागू कर दिया गया था. वहीं 2018-19 में सेंट्रल बैंक ने इन नोटों की छपाई को रोक दिया था. 


गर्वनर 2000 रुपये के नोट पर क्या बोले


भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर ने सोमवार को 2000 रुपये को चलन से बाहर करने पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी और कहा कि लोगों के पास 4 महीने का पर्याप्त समय है. लोग बिना परेशानी और जल्दबाजी के इसे बैंकों में बदल सकते हैं. उन्होंने कहा कि बाजार में दूसरे वैल्यू के नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं. अगर किसी तरह की समस्या है तो बैंक या आरबीआई से संपर्क कर सकते हैं. 


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