RBI के डिप्टी गवर्नर का बड़ा बयान, कहा- डिजिटल करेंसी आने के बाद क्रिप्टोकरेंसी का मामला 'खत्म' हो जाएगा
RBI Take on Cryptocurrency: रिजर्व बैंक ने एक बार फिर अपने उस रुख को दोहराया है जिसमें वो कई बार कह चुका है कि इन तरह की 'करेंसी' का कोई अंतनिर्हित मूल्य नहीं है, इसकी प्रकृति 'सट्टेबाजी' की है.
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RBI Governor on Cryptocurrency: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा है कि जल्द पेश की जाने केंद्रीय बैंक (आरबीआई) की डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी- CBDC) से प्राइवेट डिजिटल करेंसी जैसे बिटकॉइन (Bitcoin) को लेकर जो थोड़ा बहुत भी मामला बनता है, वह खत्म हो जाएगा. सरकार क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर परामर्श पत्र (डिस्कशन पेपर) लाने की तैयारी कर रही है और इसको लेकर सुगबुगाहट जारी है कि क्या देश में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता दी जाएगी.
स्टेबल कॉइन पर भी जताई आपत्ति
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने ‘स्टेबल कॉइन’ पर भी आपत्ति जताई है जिसे एक प्रकार की मुद्रा कहा जाता है. शंकर ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "हमारा मानना है कि निजी क्रिप्टोकरेंसी का जो भी मामला है, वह सीबीडीसी के आने के साथ समाप्त हो जाएगा."
क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ है रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया
रिजर्व बैंक बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का पुरजोर विरोध करता रहा है. केंद्रीय बैंक का मानना है कि इन तरह की 'करेंसी' का कोई अंतनिर्हित मूल्य नहीं है, इसकी प्रकृति 'सट्टेबाजी' की है. रिजर्व बैंक इस बारे में अपना रुख सार्वजनिक कर चुका है. हालांकि सरकार ने अभी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है.
सरकार जल्द लाने वाली है डिस्कशन पेपर
इससे पहले वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले आर्थिक मामलों के विभाग ने इसी हफ्ते में कहा कि वह निजी क्रिप्टोकरेंसी पर जल्द परामर्श पत्र लेकर आएगा. सरकार ने कंसलटेशन पेपर ( Consultation Paper) तैयार भी कर लिया है. वित्त मंत्रालय ( Finance Ministry) में आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने इस बात की जानकारी दी थी. उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वैश्विक सहमति होना बेहद जरुरी है और भारत सरकार दूसरे देशों में जो रेग्युलेशन है उसे ध्यान में रखते हुए क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने पर विचार करेगी.
क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं पर लगता है टैक्स
सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी है लेकिन इस वर्ष 2022-23 से क्रिप्टोकरेंसी को होने वाले इनकम पर 30 फीसदी टैपिटल गेन टैक्स लगाने का फैसला किया है. साथ क्रिप्टो के लेन देन पर 1 फीसदी टीडीएस का भी भुगतान करना होगा जो एक जुलाई से लागू होने जा रहा है. आपको बता दें जो निवेशक क्रिप्टोकरेंसी को मुनाफे में नहीं भी बेचते हैं उन्हें भी टैक्स चुकाना होगा.
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