Digital Currency आने के बाद RBI की भरेगी जेब, 100 रुपये के एक नोट पर 15 से 17 रुपये की होगी बचत
RBI Launching Digital Currency: इस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) में भी रेगुलर करेंसी की तरह एक यूनिक नंबर होगा. एक करेंसी दूसरी करेंसी से अलग होगी.
RBI Digital Currency: इस साल के बजट भाषण में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने जानकारी दी कि देश में आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी (Digital Currency) लॉन्च की जाएगी. इससे केंद्रीय बैंक के करेंसी नोट (Currency Notes) पर ऑपरेशनल कॉस्ट यानी खर्चे पर बड़ी बचत होगी. आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) को करेंसी नोटों की प्रिंटिंग, डिस्ट्रीब्यूशन और स्टोरज पर बहुत ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं. डिजिटल करेंसी के लॉन्च होने से इन ऑपरेशनल कॉस्ट में काफी बड़ी बचत होगी. इसके साथ ही सरकार आगे इस डिजिटल करेंसी को लीगल टेंडर में बदलने की कोशिश करेंगी.
आपको बता दें कि इस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) में भी रेगुलर करेंसी की तरह एक यूनिक नंबर होगा. एक करेंसी दूसरी करेंसी से अलग होगी. यह एक सरकार गारंटी वाला एक वॉलेट होगा. इस नॉर्मल करेंसी के साथ शामिल करने का सरकार का प्लान है.
100 रुपये की एक नोट पर सरकार को आता है 15 से 17 रुपये का खर्च
एक्सपर्ट्स के अनुसार एक 100 रुपये के नोट के पीछे 4 साल में सरकार को 15 से 17 रुपये का खर्च आता है. इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक बैंक पुराने नोटों को वापस लेकर बाद में नए नोटों की छपाई करते हैं. इसके साथ ही नोटों के मेनटेनेंस पर भी पैसे खर्च होते हैं. आजकल सरकार ज्यादा वैल्यू वाले नोटों की छपाई करने लगी है. ऐसे में छोटे नोट के रख-रखाव में सरकार के पैसे अब कम खर्च होगें.
सरकार डिजिटल रुपये (Digital Currency) पर देगी गारंटी
डिजिटल रुपये ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होगा. क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन (Bitcoin), इथीरियम, Cardano, Binance Coin, Tether आदि इसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करते हैं. इस रुपये के जरिए सरकार किसी भी तरह का लेन देन का रिकार्ड अपने पास रख पाएंगी. यह डिजिटल रुपया अगले साल तक तैयार कर लेने की प्लानिंग है. यह पैसे आपके मुद्रा फोन में रहेगी जिसका कंट्रोल आरबीआई के पास होगा. इसे एक वॉलेट से दूसरे वॉलेट में ट्रांसफर किया जा सकेगा. डिजिटल करेंसी की सबसे खास बात ये है कि इसे जरूरत के अनुसार सॉवरेन करेंसी (sovereign currency) यानी देश की मुद्रा (रुपये) में बदला जा सकेगा.
ये भी पढ़ें-
Insurance Claim: इंश्योरेंस क्लेम करते वक्त रखें इन बातों का खास ख्याल, नहीं होगी कोई परेशानी