RBI KYC News: पैसों के ऐसे लेन-देन पर सख्त हुआ रिजर्व बैंक, बैंकों को रखना होगा पूरा हिसाब
RBI on Wire Transfer: केंद्रीय बैंक ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ के प्रासंगिक सुझावों पर अमल करते हुए केवाईसी को लेकर ताजा निर्देश जारी किया है.
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भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने केवाईसी (KYC) यानी ग्राहकों की सूचनाएं जमा करने को लेकर नया निर्देश जारी किया है. केंद्रीय बैंक ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ (FATF) के प्रासंगिक सुझावों पर अमल करते हुए केवाईसी को लेकर ताजा निर्देश जारी किया है. इसमें बैंकों व वित्तीय संस्थानों को सख्ती से इसका पालन करने के लिए कहा गया है.
एफएटीएफ के प्रस्तावों पर हुआ अमल
रिजर्व बैंक ने यह निर्देश वायर ट्रांसफर (Wire Transfer) को लेकर दिया है. आरबीआई ने बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से कहा है कि वे घरेलू हो चाहे सीमा पार का लेन-देन, वायर ट्रांसफर के सभी मामलों में पैसे भेजने वाले और उसे पाने वाले दोनों की पूरी सूचनाएं अपने पास रखें. इसे लेकर रिजर्व बैंक ने मास्टर डाइरेक्शन ऑन नो योर कस्टमर में निर्देशों को अपडेट किया है और एफएटीएफ के प्रासंगिक प्रस्तावों पर अमल किया है.
घरेलू ट्रांजेक्शन में करना होगा ये काम
पीटीआई की एक खबर के अनुसार, रिजर्व बैंक ने मास्टर डाइरेक्शन के अपडेटेड इंस्ट्रक्शन में कहा है, सभी क्रॉस-बॉर्डर वायर ट्रांसफर के मामले में ऑरिजिनेटर यानी पैसे भेजने वाले और बेनेफिशियरी यानी पैसे पाने वाले दोनों की पूरी व सही सूचनाएं रखी जानी चाहिए. वहीं अगर वायर ट्रांसफर घरेलू हो और पैसे भेजने वाला संबंधित संस्थान का खाताधारक हो, तो ऐसे मामले में भी पैसे भेजने वाले के साथ-साथ उसे पाने वाले की सारी सूचनाएं ली जानी चाहिए.
आरबीआई ने अपडेटेड निर्देशों में कहा कि अगर घरेलू वायर ट्रांसफर का मामला 50 हजार रुपये या इससे ज्यादा का हो, और भेजने वाला संबंधित संस्थान या बैंक का खाताधारक नहीं हो, तो ऐसे मामले में भेजने वाले व पाने वाले दोनों की सूचनाएं उसी तरह से जमा की जानी चाहिए, जैसा क्रॉस बॉर्डर वायर ट्रांसफर के मामलों में किया जाता है.
जरूरत पड़ने पर देनी होगी जानकारी
रिजर्व बैंक ने कहा कि वायर ट्रांसफर के सभी मामलों में केवाईसी की सूचनाएं जमा करना उसी बैंक या वित्तीय संस्थान की जिम्मेदारी है, जहां से पैसे भेजे जा रहे हैं. इन बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को जरूरत पड़ने पर वायर ट्रांसफर के ऑरिजिनेटर व बेनेफिशियरी की जानकारियां जांच प्राधिकरणों को मुहैया कराना होगा.
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