RBI Dividend: भर जाएगा सरकार का खजाना, इस वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक से मिलेंगे 1 लाख करोड़ रुपये
RBI Dividend Payment: यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने एक हालिया रिपोर्ट में रिजर्व बैंक से मिलने वाले डिविडेंड को लेकर पूर्वानुमान व्यक्त किया है...
पिछले महीने से शुरू हुआ नया वित्त वर्ष सरकारी खजाने के लिए शानदार साबित हो सकता है. इस वित्त वर्ष में सरकारी खजाने को रिजर्व बैंक की ओर से रिकॉर्ड भुगतान प्राप्त हो सकता है और आंकड़ा 1 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है.
यूनियन बैंक ने जारी की रिपोर्ट
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट कहती है कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में रिजर्व बैंक के द्वारा केंद्र सरकार को लगभग 1 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जा सकते हैं. इस रिकॉर्ड ट्रांसफर के लिए सबसे प्रमुख जिम्मेदार फैक्टर आरबीआई के द्वारा सरकार को दिए जाने वाले डिविडेंड को माना जा रहा है. रिपोर्ट का अनुमान है कि इस वित्त वर्ष में भी आरबीआई का डिविडेंड भुगतान शानदार रहने वाला है.
केंद्र सरकार का बजट अनुमान
रिजर्व बैंक ने पिछले वित्त वर्ष में सरकारी खजाने को 87 हजार 400 करोड़ रुपये ट्रांसफर किया था. सरकार ने फरवरी में पेश बजट में वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान रिजर्व बैंक, सरकारी बैंकों और अन्य सरकारी वित्तीय संस्थानों से 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपये डिविडेंड के रूप में मिलने का अनुमान तय किया है. यूनियन बैंक की रिपोर्ट का मानना है कि इस वित्त वर्ष में भी डिविडेंड से मिलने वाली रकम उसी तरह बजट अनुमान से ज्यादा रह सकती है, जैसे पिछले वित्त वर्ष में निकली थी.
पिछले साल आया इतना ज्यादा डिविडेंड
पिछले वित्त वर्ष के दौरान केंद्र सरकार को रिजर्व बैंक, सरकारी बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से डिविडेंड के रूप में 1 लाख 44 हजार रुपये प्राप्त हुए थे, जबकि बजट में ओवरऑल डिविडेंड महज 48 हजार करोड़ रुपये रहने का अनुमान व्यक्त किया गया था. मतलब पिछले वित्त वर्ष के दौरान डिविडेंड से सरकार की कमाई बजट अनुमान के डबल से भी ज्यादा रही थी.
ब्याज से इतनी कमाई होने की उम्मीद
रिजर्व बैंक को ब्याज और फॉरेन एक्सचेंज से मुख्य कमाई होती है. रिजर्व बैंक की बैलेंस शीट में करीब 70 फीसदी हिस्सा फॉरेन करेंसी एसेट का है, जबकि 20 फीसदी हिस्सा सरकारी बॉन्डों के रूप में है. रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि इन सिक्योरिटीज से रिजर्व बैंक को ब्याज से होने वाली कमाई 1.5 लाख करोड़ रुपये से 1.7 लाख करोड़ रुपये के बीच रह सकती है.
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