RBI: आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) के प्राइवेटाईजेशन पर सरकार एक कदम और आगे बढ़ गई है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपनी जांच के बाद फिट एंड प्रॉपर की रिपोर्ट सौंप दी है. अब आईडीबीआई बैंक को खरीदने के लिए बिड लगाने वाली कंपनियां आगे की कार्रवाई कर सकती हैं. आरबीआई की रिपोर्ट आने के बाद अब सरकार इस वित्त वर्ष में ही आईडीबीआई बैंक को लेकर फाइनेंशियल बिड मंगवा सकती है. 


खरीदारों को बैंक के वर्चुअल डेटा रूम का एक्सेस मिल जाएगा


मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से सीएनबीसी टीवी 18 ने दावा किया है कि आईडीबीआई बैंक को बेचने पर सरकार अब तेजी से आगे बढ़ सकती है. इस साल बैंक को बेचने की सारी प्रक्रिया सरकार पूरी कर लेना चाहती है. आरबीआई की रिपोर्ट आने के बाद अब इच्छुक खरीदार अगस्त में अपनी ओर से कदम आगे बढ़ा सकेंगे. सूत्रों ने बताया कि सरकार की ओर से इन सभी को बैंक के वर्चुअल डेटा रूम का एक्सेस मिल जाएगा ताकि ये बैंक की वित्तीय स्थिति के बारे में सही अनुमान लगा पाएं. साथ ही शेयर पर्चेस एग्रीमेंट को लेकर भी फैसला हो सकेगा. 


सरकार और एलआईसी हैं सबसे बड़े हिस्सेदार 


केंद्र सरकार और लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (LIC) इस बैंक में सबसे बड़े हिस्सेदार हैं. यह दोनों आईडीबीआई बैंक की लगभग 61 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहते हैं. इसमें से सरकार 30.48 फीसदी और एलआईसी 30.24 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी. विनिवेश विभाग ने आईडीबीआई बैंक की हिस्सदारी खरीदने के इच्छुक बोलीकर्ताओं के नाम पहले ही केंद्रीय बैंक को भेज दिए थे. विभाग के सचिव तुहिन कांत पांडे ने बजट 2024 के दिन कहा था कि हमें आरबीआई की फिट एंड प्रॉपर रिपोर्ट का इंतजार है. इसके आते ही हम आईडीबीआई बैंक के विनिवेश की प्रक्रिया पूरी करने में जुट जाएंगे.


लंबे समय से अटका हुआ है बैंक का विनिवेश 


आईडीबीआई बैंक का विनिवेश काफी लंबे समय से अटका हुआ है. अक्टूबर, 2022 से ही इसमें कई अड़चनें आ चुकी हैं. पिछले साल नवंबर में भी सरकार ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का प्रयास किया था. हालांकि, मार्केट के अच्छे रिस्पांस न देने के चलते इसे टाल दिया गया था. आईडीबीआई बैंक का शेयर बुधवार को 54 पैसे की मामूली गिरावट के साथ 103.65 रुपये पर बंद हुआ है.


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