2000 Rupees Note: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 2 हजार रुपये को वापस लेने के फैसले के सिर्फ एक महीने के भीतर ही 2000 रुपये के दो तिहाई से ज्यादा नोट सिस्टम में लौट आए हैं. 19 मई 2023 को भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से एक पॉलिसी के तहत 3.62 लाख करोड़ रुपये के 2000 रुपये के नोट को वापस लेने का फैसला किया गया था.
8 जून को वित्तीय वर्ष की दूसरी मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा था कि 2,000 रुपये के लगभग 1.8 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट वापस आ गए हैं, जो 31 मार्च तक प्रचलन में लगभग 50 प्रतिशत नोट थे. इसमें से 85 फीसदी जमा किए गए थे और बाकी नोट बदले गए थे.
अभी तक कितने मूल्य सिस्टम में आए
पीटीआई भाषा की एक रिपोर्ट में शक्तिकांत दास ने बताया कि अब वापस लिए गए 2000 के 3.62 लाख करोड़ रुपये (31 मार्च, 2023 तक) नोटों में से दो-तिहाई से अधिक या 2.41 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट पिछले सप्ताह के मध्य तक सिस्टम में वापस आ गए हैं. हालांकि केंद्रीय बैंक ने विनिमय या जमा के लिए अंतिम दिन 30 सितंबर, 2023 तय किया है.
मौद्रिक स्थिरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा
शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि नोट वापस लेने से मौद्रिक स्थिरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन उन्होंने हालिया विश्लेषक रिपोर्ट पर कुछ कहने से इनकार कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि इस कदम से उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा, जो कुछ समय से तनाव में है और जिससे बदले में मदद मिलेगी. शक्तिकांत दास ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
लीगल टेंडर रहेंगे दो हजार नोट
केंद्रीय बैंक और सरकार का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी 6.5 प्रतिशत रहेगी, पहली तिमाही में यह 8.1 प्रतिशत रहेगी और उसके बाद की तिमाहियों में इसमें कमी आएगी. 19 मई को रिकॉल ऑर्डर जारी करने और बैंकों को 23 मई से जनता से नोट इकट्ठा करने के लिए विशेष काउंटर खोलने के लिए कहने के बाद, केंद्रीय बैंक ने कहा कि मौजूदा 2,000 मूल्यवर्ग के बैंक नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे. शक्तिकांत दास ने कहा कि उन्हें यकीन नहीं है कि वह 30 सितंबर की समय सीमा के बाद सरकार से इन नोटों की कानूनी निविदा स्थिति को रद्द करने के लिए कहेंगे या नहीं.
ये भी पढे़ं
पटना-रांची-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का तीसरा ट्रायल सफल, 27 जून को होगा उद्घाटन