RBI Banks Meet: आरबीआई गवर्नर करेंगे सरकारी बैंकों के बोर्ड मेंबर्स के साथ बैठक, इन मुद्दों पर होगी चर्चा
Banks Governance Issue: रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के साथ इस बैठक में सभी सरकारी बैंकों के बोर्ड मेंबर्स शामिल होंगे. बैठक के दौरान कंपनी संचालन समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होने वाली है...
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) जल्दी ही सभी सरकारी बैंकों के बोर्ड मेंबर्स (PSBs Board Members) के साथ एक अहम बैठक करने वाले हैं. इस बैठक में सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों के निदेशक मंडल के सारे सदस्य शामिल होंगे, चाहे वो पूर्णकालिक हों या स्वतंत्र. इस बैठक को सरकारी बैंकों के काम-काज के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
इस तारीख को होगी बैठक
पीटीआई की एक खबर के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निदेशक मंडल के साथ आरबीआई गवर्नर की यह बैठक 22 मई को होगी. सूत्रों के अनुसार, शक्तिकांत दास इस बैठक में बैंकों के संचालन एवं नैतिकता संबंधी मुद्दों पर चर्चा करेंगे. इस एक दिन की बैठक का आयोजन रिजर्व बैंक का डिपार्टमेंट ऑफ सुपरविजन करेगा.
ये अधिकारी लेंगे बैठक में हिस्सा
यह बैठक दिल्ली में होगी. बैठक में दास पूर्णकालिक और स्वतंत्र, दोनों निदेशकों के साथ प्रशासन, नैतिकता और बैंकों के कामकाज में बोर्ड की भूमिका पर चर्चा करेंगे. सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को भेजे गए पत्र के अनुसार, बैठक में गवर्नर के अलावा, डिप्टी गवर्नर, नियमन विभाग और पर्यवेक्षण के कार्यपालक निदेशक भी शामिल होंगे.
सरकार ने किए हैं ये बदलाव
आपको बता दें कि सरकार ने रिजर्व बैंक की सलाह पर बैंकों के कंपनी संचालन में कई बदलाव किया है. इन बदलावों के तहत सरकारी बैंकों के निदेशक मंडल को ज्यादा स्वायत्ता दी गई है. सुधारों में निदेशकों की नियुक्ति के लिए स्वतंत्र पेशेवर इकाई का गठन भी शामिल है. सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूर्णकालिक निदेशकों की नियुक्ति के लिए 2016 में बैंक बोर्ड ब्यूरो का गठन किया था, जिसे बाद में बदलकर पिछले साल फाइनेंशियल सर्विसेज इंस्टीट्यूशंस ब्यूरो कर दिया गया.
वित्त मंत्री भी कर चुकी हैं बैठक
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (FM Nirmala Sitharaman) मौजूदा वैश्विक बैंकिंग संकट (Global Banking Crisis) के मद्देनजर सभी सरकारी बैंकों के साथ एक अहम बैठक कर चुकी हैं. बैठक में उन्होंने सभी सरकारी बैंकों की मौजूदा वित्तीय सेहत का जायजा लिया था और बैंकिंग संकट से बचने के लिए जरूरी हिदायतें दी थीं. वित्त मंत्री ने सभी सरकारी बैंकों को निर्देश दिया था कि वे अच्छे से जोखिमों का आकलन करें. इसके साथ-साथ बैंकों को अन्य अहम वित्तीय मानकों को भी दुरुस्त करने के लिए कहा गया था.
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