RBI Governor Statement: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज बयान जारी किया है और कहा है कि वैश्विक आर्थिक गतिविधियों और गति में धीमापन देखने को मिला है और भारतीय बाजारों पर भी इसका असर देखा जा रहा है. देश में महंगाई का दबाव बढ़ता जा रहा है. कमोडिटी मार्केट में भी कमी देखने को मिल रही है. मॉनिटरी नीति पर रूल बुक के हिसाब से काम नहीं होता है. 


RBI Governor का बड़ा एलान
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एलान किया है कि रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़त की जा रही हैं. इसके अलावा आरबीआई ने कैश रिजर्व रेश्यो भी 0.50 फीसदी बढ़ाकर 4.50 फीसदी कर दिया गया है. आरबीआई ने रेपो रेट में 0.40 फीसदी का इजाफा करके इसे 4.40 फीसदी कर दिया है जिससे बैंकों सहित आम लोगों के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाएगा. बता दें कि रेपो रेट बढ़ने से बैंकों के लिए आरबीआई से कर्ज लेना महंगा हो जाएगा जिसका बोझ ग्राहको पर निश्चित तौर पर आएगा. 



आरबीआई ने 6-8 जून की मौद्रिक नीति से पहले बढ़ाई दरें
बता दें कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा यानी एमपीसी की बैठक 6-8 जून को होनी थी पर इससे पहले ही ग्लोबल स्थितियों को देखते हुए आरबीआई ने आज रेपो रेट में 0.40 फीसदी का इजाफा कर दिया है. इससे पहले 6-8 अप्रैल को एमपीसी की बैठक में ब्याज दरों में कोई इजाफा नहीं किया गया था. आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि देश में महंगाई के बढ़ते दबाव को देखते हुए ऐसा करना आवश्यक हो गया है लिहाजा ये फैसला लिया जा रहा है. इसके अलावा जियो-पॉलिटिकल स्थितियों के मुताबिक भी देश में नीतिगत दरों में बदलाव करना जरूरी हो गया था.


मई 2020 से अपरिवर्तित थीं नीतिगत दरें
जानकारी के लिए बता दें कि देश में मई 2020 से ये नीतिगत दरें अपरिवर्तित थीं. मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ने ब्याज दरों में इजाफा करने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास किया है और माना जा रहा है कि अब देश में नीतिगत दरों के बढ़ने का सिलसिला जारी हो सकता है. बैंक निश्चित तौर पर इन बढ़ी दरों का बोझ अपने ग्राहकों पर डालेंगे, ऐसा माना जा रहा है.


बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिये आरबीआई का फैसला
मुख्य रूप से बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिये केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है. खुदरा महंगाई पिछले तीन महीने से लक्ष्य की उच्चतम सीमा छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है. आरबीआई को खुदरा महंगाई दर दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है. तय कार्यक्रम के बिना हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में सभी छह सदस्यों ने आम सहमति से नीतिगत दर बढ़ाने का निर्णय किया. दूसरी तरफ उदार रुख को भी कायम रखा गया है.


महंगाई दर 6 फीसदी से ऊपर - आरबीआई गवर्नर
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई दर लक्ष्य की ऊपरी सीमा छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है, वहीं अप्रैल महीने में भी इसके ऊंचे रहने की संभावना है. मार्च महीने में खुदरा महंगाई 6.9 प्रतिशत रही है. 


शेयर बाजार में आई बड़ी गिरावट
आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास के दोपहर 2 बजे बयान जारी करते ही शेयर बाजार में गिरावट बढ़ गई. बॉन्ड मार्केट सहित इक्विटी मार्केट में बड़ी गिरावट देखी गई. आरबीआई गवर्नर के स्टेटमेंट जारी करने की खबर के आते ही आज पहले ही वित्तीय जगत में हलचल बढ़ गई थी. आज आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाते ही सेंसेक्स में 1000 अंकों से ज्यादा की गिरावट आई. 


आरबीआई की आम मौद्रिक नीति से अलग है बयान
बता दें कि आरबीआई गवर्नर का ये बयान उनके मौद्रिक नीति संबोधनों से अलग है. इससे पहले अप्रैल में आरबीआई ने मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक का एलान किया था और अगली पॉलिसी जून में आएगी. ऐसे में परंपरागत एलानों से अलग आरबीआई गवर्नर का ये बयान काफी अहम माना गया है. 


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