RBI on Inflation: खाद्य वस्तुओं के दाम को लेकर चिंतित है आरबीआई, शक्तिकांत दास ने अलर्ट रहने को कहा
Shaktikanta Das: आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कीमतों में उतार-चढ़ाव और मौसम की मार महंगाई दर को तेजी से प्रभावित कर सकती हैं. इसलिए आरबीआई को अलर्ट रहना होगा.
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Shaktikanta Das: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को खाने-पीने के सामानों के बढ़ रहे दाम चिंतित कर रहे हैं. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) का मानना है कि खाद्य वस्तुओं के अनिश्चित एवं लगातार बदल रहे दाम महंगाई दर को प्रभावित कर सकते हैं. आरबीआई की 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की इस महीने की शुरुआत में हुई बैठक के दौरान दास ने कहा कि खाद्य कीमतों की अनिश्चितता और कमजोर मौसम की मार महंगाई पर बुरा असर डाल सकती है. हमें इन सभी चीजों पर ध्यान देने की आवश्यकता है. एमपीसी ने 6 से 8 दिसंबर तक चली बैठक के दौरान ब्याज दर (Repo Rate) को 6.5 फीसदी पर ही स्थिर रखा था.
कीमतों को लेकर हाई अलर्ट पर रहना होगा
इस बैठक का ब्यौरा शुक्रवार को जारी किया गया. इसके अनुसार, शक्तिकांत दास ने कहा कि हमें कीमतों में उतार-चढ़ाव को लेकर हाई अलर्ट पर रहना होगा. यदि सब्जियों की कीमतें बढ़ीं तो महंगाई दर में भी उछाल आ सकता है. हमें मौद्रिक नीति में फिलहाल कोई भी बदलाव करने से बचना चाहिए. डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा ने भी ब्याज दरों में स्थिरता की वकालत की.
खाद्य वस्तुओं की महंगाई पर चिंता व्यक्त की
एमपीसी सदस्य शशांक भिडे ने खाद्य वस्तुओं की महंगाई पर चिंता व्यक्त की. यह छह फीसदी से ऊपर बनी हुई है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष मानसून के दौरान अच्छी बारिश न होने से कई मुख्य फसलों की पैदावार कम रहने का खतरा मंडरा रहा है. इसका असर खाद्य महंगाई दर पर पड़ने की आशंका है.
अगले साल और गिरेगी महंगाई दर
बैठक के ब्यौरे के अनुसार, महंगाई दर को प्रभावित करने वाले कई कारण हैं. इन्हें ध्यान में रखते हुए महंगाई दर 2023-24 की तीसरी तिमाही में 5.6 और चौथी तिमाही में 5.2 फीसदी रहने का अनुमान है. इसके अलावा 2024-25 की पहली तिमाही में यह 5.2 फीसदी रह सकती है. इसके बाद दूसरी तिमाही में 4 फीसदी और तीसरी तिमाही में 4.7 फीसदी तक गिरने की संभावना है. खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों के कारण नवंबर में खुदरा महंगाई दर 5.55 फीसदी बढ़ी, जो तीन महीने का उच्चतम स्तर है.
अच्छी गति से चल रही है इकोनॉमी
आरबीआई के अधिकारी राजीव रंजन ने कहा कि विकास के मोर्चे पर इकोनॉमी अच्छी गति से चल रही है. आरबीआई मौद्रिक नीति को स्थिर रख विकास की इस दौड़ में अपना योगदान दे रहा है. इससे बाजार में स्थिरता बनी रहेगी और विकास योजनाओं को बाजार का पूरा समर्थन मिलेगा.
एमपीसी की अगली बैठक 6 से 8 फरवरी को
एमपीसी में तीन आरबीआई सदस्य और तीन बाहरी सदस्य शामिल हैं. शशांक भिडे, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा को सरकार द्वारा इसमें नियुक्त किया गया है. इन तीनों ने भी रेपो रेट न बदलने के फैसले पर अपनी मुहर लगाई. दिसंबर में लगातार पांचवीं बैठक में उसने रेपो दर को 6.50 फीसदी पर स्थिर रखा था. एमपीसी की अगली बैठक 6 से 8 फरवरी, 2024 को होने वाली है.
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