RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, इस महीने के अंत तक रिटेल यूजर्स के लिए e-Rupee का ट्रायल होगा शुरू
RBI Governor शक्तिकांत दास ने कहा कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) का रिटेल पार्ट इस महीने के अंत तक ट्रायल के लिए लॉन्च किया जाएगा. कल महंगाई पर मौद्रिक नीति कमेटी की बैठक भी है.
RBI Governor शक्तिकांत दास ने बुधवार को फिक्की बैंकिंग कॉन्फ्रेंस में कहा कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) का रिटेल पार्ट ट्रायल के लिए इस महीने के अंत तक लॉन्च किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ई-रूपी (e-Rupee) का लॉन्च देश की करेंसी के इतिहास का अनोखा पल था और इससे कारोबार के तरीके में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे.
दास ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है. ऐसे अनिश्चितता भरे माहौल में भी भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. 3 नवंबर को मौद्रिक नीति कमेटी (MPC) की बैठक को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. हम एक रिपोर्ट तैयार करेंगे और उसे केंद्र सरकार को भेज देंगे. महंगाई को लेकर जो रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी, उसकी पारदर्शिता से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति कमेटी का फैसला पूरी अर्थव्यवस्था के लिए होता है. बाजारों और नागरिकों को MPC के निर्णयों की जानकारी होनी चाहिए. लेकिन सरकार को भेजे जाना वाला पत्र कानून के तहत आता है. दास ने कहा कि उन्हें इस बात का अधिकार नहीं है कि पहले ही इसे मीडिया को जारी कर दें. इस पत्र की बातें हमेशा ही गुप्त नहीं रहेंगी. वक्त पर इसे जारी भी किया जाएगा.
शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई के लक्ष्य को बरकरार रखने में चूक हुई है लेकिन अगर हमलोगों ने पहले सख्ती दिखाई होती तो देश को इसका बड़ा मूल्य चुकाना पड़ता. हम इकॉनोमिक रिकवरी की प्रक्रिया को बाधित नहीं करना चाहते. हम चाहते हैं कि अर्थव्यवस्था सुरक्षित रूप से पटरी पर आ जाए, फिर महंगाई को नीचे लाया जाए.
दास ने कहा कि लिक्विडिटी परिस्थितियों को लेकर RBI सतर्क है. अतिरिक्त लिक्विडिटी महत्वपूर्ण रूप से कम किया गया है. ग्रोथ मोमेंटम बरकरार है, महंगाई भी घटने की उम्मीद है. बैंक, गैर-बैंक, फाइनेंशियल सेक्टर स्थिर है और आगे बढ़ रहा है.
रुपये के अवमूल्यन को लेकर दास ने कहा कि इस पर बारीक नजर रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 2013 से विनिमय दर को तय करने वाले फंडामेंटल कारक मजबूती से भारत के पक्ष में आए है.
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