RBI Governor: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने खुदरा महंगाई दर में गिरावट पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि महंगाई दर में गिरावट बहुत ही संतुष्ट करने वाला है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई दर में गिरावट इस ओर इशारा कर रहा है कि मॉनिटरी पॉलिसी सही दिशा में जा रही है. 


आरबीआई गवर्नर ने महंगाई दर में कमी पर खुशी तो जताई लेकिन मॉनिटरी पॉलिसी में आरबीआई के रूख को लेकर उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. आरबीआई 8 जून को घोषित होने वाले मॉनिटरी पॉलिसी के एलान में ब्याज दरों को लेकर अपना रुख स्पष्ट करेगी. 


जी-20 के शेरपा अमिताभ कांत के किताब के विमोचन के कार्यक्रम में शक्तिकांत दास ने उम्मीद जताई कि 2023-24 में भारत का आर्थिक विकास दर 6.5 फीसदी रहेगा. उन्होंने कहा कि निजी निवेश में तेजी देखी जा रही है. स्टील, पेट्रोकेमिकल्स और सीमेंट सेक्टर में निवेश में तेजी देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि अगर भारत 6.5 फीसदी के दर से विकास करता है तो वैश्विक ग्रोथ में उसका योगदान 15 फीसदी रह सकता है. उन्होंने कहा कि निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में रिसर्च और डेवलपमेंट पर खर्च बढ़ाये जाने की जरुरत है. साथ ही उन्होंने सुधार को बनाये रखने और सबसे बेहतर टेक्नोलॉजी को अपनाने पर भी जोर दिया. 


खुदरा महंगाई दर के घटकर 4.70 फीसदी के लेवल पर आने के बाद अब महंगे कर्ज से राहत की उम्मीद जगने लगी है. इस आंकड़े के बाद ये तय माना जा रहा है कि जून महीने में आरबीआई मॉनिटरी पॉलिसी का एलान करते हुए पॉलिसी रेट्स यानि रेपो रेट में कमी नहीं करेगी तो इसे मौजूदा लेवल पर स्थिर रखेगी. इस वर्ष की दूसरी छमाही में ब्याज दरों में कमी की उम्मीद की जा रही है.  


2022-23 में आरबीआई ने खुदरा महंगाई दर में उछाल के बाद 6 पॉलिसी बैठक में रेपो रेट को 4 फीसदी से बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया था जिसके बाद कर्ज महंगा हो गया था. इसके बाद लोगों की ईएमआई महंगी हो गई.  


ये भी पढ़ें 


Adani-Hindenberg Issue: अडानी मामले की सुनवाई 15 मई तक के लिए टली, कोर्ट ने सेबी से कहा - जांच पूरी करने के लिए 6 महीने की मांग है अनुचित