आरबीआई गवर्नर ( RBI Governor) शक्तिकांत दास ( Shaktikanta Das) ने कहा है कि आने वाले दिनों में ब्याज दरें में कमी का फैसला अर्थव्यवस्था के हालात और आंकड़ों पर निर्भर करेगा. आरबीआई गवर्नर ने कहा मई महीने में खुदरा महंगाई दर अप्रैल के मुकाबले कम रहने का अनुमान है. अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 18 महीने के निचले लेवल 4.70 फीसदी पर आ गया जबकि ठीक एक साल पहले अप्रैल 2022 में खुदरा महंगाई दर 7.79 फीसदी पर जा पहुंची थी. 


बिजनेस चैंबर सीआईआई के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि ब्याज दर में वृद्धि को रोकना मेरे हाथ में नहीं है, यह स्थिति पर निर्भर करेगा. उन्होंने कहा कि महंगाई दर कमी जरूर कमी आई है लेकिन ये समय लापरवाही और कोताही बरतने का नहीं है. आरबीआई गवर्वर ने कहा कि आंकड़े इस ओर इशारा कर रहे हैं कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी 7 फीसदी से ज्यादा रह सकता है. 


आरबीआई गवर्नर ने कहा कि पूंजी, तरलता की मजबूती स्थिति और संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार के साथ भारतीय बैंकिंग प्रणाली स्थिर और मजबूत बनी हुई है. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की उत्पादक जरूरतों को पूरा करने के लिए रिजर्व बैंक पर्याप्त नगदी सुनिश्चित करेगा. 


आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अलग अलग देशों के सेंट्रल बैंकों ( Central Banks) ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला किया था. जिसके बाद बैंकिंग और गैर-बैंकिंग फाइनैंशियल संस्थाओं में कई दिक्कतें उभरकर सामने आई है. आरबीआई गवर्नर हाल ही में अमेरिका और स्विटजरलैंड में आए बैंकिंग क्राइसिस की तरफ इशारा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चलते अमेरिका ( United States) और स्विटजरलैंड ( Switzerland) में बैकिंग संकट सामने उभरकर आया है. उन्होंने कहा कि भविष्य की मॉनिटरी पॉलिसी ( Monetary Policy) की अनिश्चितता को लेकर फाइनैंशियल मार्केट में अभी भी उतार-चढ़ाव बना हुआ है. 


ये भी पढ़ें 


2000 Rupee Note: 2000 रुपये के नोट जमा करने के पहले दिन रहा अफरा-तफरी का माहौल, बुजुर्गों को करना पड़ा परेशानी का सामना