RBI Governor On Inflation: बैंकिंग सेक्टर के रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का बड़ा बयान आया है. आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में सब्जियों और फूड आईटम्स के कीमतों को निकालकर अगर हम कहेंगे कि महंगाई कम हो गई तो जनता के नजरिए ये कतई ठीक नहीं होगा. उन्होंने कहा, हमें जनता के हिसाब से सोचने की जरूरत है जिन्हें अपने आय का 50 फीसदी खाने-पीने की चीजों पर खर्च करना पड़ता है. 


50 फीसदी खर्च करना पड़ रहा खाने-पीने की चीजों पर


एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, खाद्य महंगाई ज्यादा है और कोर इंफ्लेशन कम और फइर हम कहें कि महंगाई में कमी आ गई है तो उचित नहीं होगा. उन्होंने कहा, जनता के मन में ये सवाल आएगा हमारी सैलेरी इतनी है और खाद्य वस्तुओं पर इतना खर्च करना पड़ा है फिर कैसे सरकार और आरबीआई कह रही है कि महंगाई कम हो है? आरबीआई गवर्नर ने कहा, हमारे हेडलाइन इंफ्लेशन के टारगेट में फूड ऑइटम्स बेहद महत्वपूर्ण कॉम्पोनेंट है. हमारे खपत बास्केट में खाद्य महंगाई का हिस्सा 46 फीसदी है. आम लोगों को अपने आय का 50 फीसदी खर्च खाने-पीने की चीजों पर करना पड़ रहा है.    


पॉलिसी रेट्स में कमी के लिए करना होगा इंतजार!


पॉलिसी रेट्स में कटौती यानि ब्याज दरों में कमी पर आरबीआई गवर्नर बोले, ब्याज दरों में कब कटौती होगी ये भविष्य में आने वाले डेटा पर निर्भर करेगा. उन्होंने कहा, महंगाई में कमी आ रही है और इस साल के लिए आरबीआई ने 4.5 फीसदी महंगाई दर का लक्ष्य तय किया है. शक्तिकांत दास ने कहा, अगले छह महीने हम डेटा का अध्ययन करेंगे. हमारा फोकस महंगाई पर है जिसमें कमी आ रही है और हम चाहते हैं कि ये 4 फीसदी के करीब आ जाए. उन्होंने कहा, हम चाहते हैं और हमारा लक्ष्य है कि महंगाई दर 4 फीसदी पर आए और  लंबी अवधि तक वो इसी दर के करीब बना रहे. गवर्नर ने कहा, हमें संयम रखना होगा. 


नए खुदरा महंगाई दर क्या घटेगा फूड बास्केट!


दरअसल सरकार ने सांख्यिकी मंत्रालय के अधीन एक पैनल बनाया है जो नए खुदरा महंगाई दर (New Retail Inflation Rate) के आंकड़े पर काम कर रही है. ये माना जा रहा कि नए खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों में खाद्य वस्तुओं के वेटेज ( Food Items Weightage) में कटौती की जा सकती है जिससे खाद्य महंगाई में उछाल के चलते खुदरा महंगाई में आने वाली तेजी को रोका जा सके.  मौजूदा समय में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स बास्केट में 50 फीसदी के करीब वेटेज फूड और ब्रेवरेज कैटगरी का है.  मौजूदा समय में वित्त वर्ष 2011-12 को आधार मानकर कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स तैयार किया जाता है. मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने पिछले दिनों कहा था कि, आरबीआई के महंगाई दर के लक्ष्य में खाद्य वस्तुएं नहीं होनी चाहिए. 


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