Cryptocurrency: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टो करेंसी को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी सिर्फ एक जुआ है, इसके अलवा यह कुछ नहीं है और इसकी प्राइस सिर्फ एक छलावा है. रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी का विरोध किया और एक बार फिर इसे बैन करने की बात दोहराई.
शक्तिकांत दास ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण तरीके से प्रतिबंध लगना चाहिए. बता दें कि हाल ही में अन्य केंद्रीय बैंकों से बढत हासिल करने के लिए आरबीआई ने डिजिटल करेंसी यानी ई-रुपये का सिस्टम डेवलप किया है. यह एक डिजिटल मुद्रा, जो रुपये के समान ही मान्य है. इसे धीरे-धीरे पूरे देश में लागू किया जाएगा.
गर्वनर ने बताया क्यों लगना चाहिए बैन
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को बिजनेस टुडे के एक कार्यक्रम में क्रिप्टो पर पूर्ण प्रतिबंध की जरूरत पर फिर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इसका समर्थन करने वाले इसे एक संपत्ति या वित्तीय उत्पाद कहते हैं, लेकिन इसमें कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है और यहां तक कि एक ‘ट्यूलिप’ भी नहीं है. गौर करने वाली बात हैं कि पिछली शताब्दी की शुरुआत में ट्यूलिप की मांग बढ़ी थी जिसे पाने के लिए लोग हर तरह की जुगत लगा रहे थे.
यह एक जुआ है
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि प्रत्येक संपत्ति, प्रत्येक वित्तीय उत्पाद में कुछ अंतर्निहित मूल्य होना चाहिए, लेकिन क्रिप्टो के मामले में कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है. एक ट्यूलिप भी नहीं है और क्रिप्टो के बाजार मूल्य में वृद्धि सिर्फ एक छलावा है. उन्होंने कहा कि इसे बहुत स्पष्ट रूप से कहें तो यह जुआ है.
वित्तीय उत्पाद नहीं क्रिप्टोकरेंसी
शक्तिकांत दास ने जोर देकर कहा कि हम अपने देश में जुए की अनुमति नहीं देते हैं और अगर आप जुए की अनुमति देना चाहते हैं तो इसे जुआ ही मानें और जुए के नियम निर्धारित करें, लेकिन क्रिप्टो एक वित्तीय उत्पाद नहीं है.
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