RBI Monetary Policy: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है और भारत भी इससे अछूता नहीं है. महंगाई दर अब भी आरबीआई द्वारा तय कंफर्ट जोन 2-6 प्रतिशत के ऊपर है. डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निम्न स्तर तक पहुंच गया. ऐसी परिस्थिति में RBI की Monetary Policy Committee ने जो निर्णय लिए हैं उनकी घोषणा शक्तिकांत दास ने की. आइए, जानते हैं मौद्रिक नीति की 10 बड़ी बातें.
- RBI ने रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी करते हुए इसे 5.40 फीसदी से बढ़ाकर 5.90 फीसदी कर दिया है. 5 महीने में अब तक रेपो रेट में 1.90 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है.
- दुनिया भर में बढ़ती महंगाई को देखते हुए आर्थिक मंदी की आशंका बढ़ रही है लेकिन भारत की आर्थिक स्थिति बेहतर है. आरबीआई ने उपभोक्ता मूल्य आधारित महंगाई दर (Consumer Price Index (CPI) Inflation) का अनुमान वित्त वर्ष 2023 के लिए 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है.
- वित्त वर्ष 2023 के लिए वास्तविक सकेल घरेलू उत्पाद (GDP Growth Projection) के अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटा कर 7 प्रतिशत किया गया है.
- रुपये के अवमूल्यन पर आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इस साल 28 सितंबर तक डॉलर के मुकाबले रुपये में 7.4 प्रतिशत का अवमूल्यन हुआ है. आरबीआई ने रुपये के लिए कोई खास विनिमय दर तय नहीं किया है. रुपये की ज्यादा अस्थिरता की दशा में आरबीआई हस्तक्षेप करता है और केंद्रीय बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत
- मार्जिन स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक रेट को 5.65 प्रतिशत से बढ़ा कर 6.15 प्रतिशत कर दिया गया है.
- ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर्स के लिए जो दिशानिर्देश हैं, वे ऑफलाइन पेमेंट एग्रीगेटर्स के लिए भी उपलब्ध होंगे.
- अप्रैल-जुलाई की अवधि में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 18.9 अरब डॉलर रहा जो पिछले साल की समान अवधि में 13.1 अरब डॉलर था.
- आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंक लोन 16.2 प्रतिशत की तेज गति से बढ़ा है.
- दास ने कहा कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में हालिया नरमी अगर कायम रही तो महंगाई के मोर्चे पर राहत मिल सकती है.
- ग्रामीण मांग में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है, निवेश की मांग भी बढ़ रही है और कृषि क्षेत्र भी स्थिर है.