Paddy Sowing Shortfall Likely: कमजोर मानसून के चलते धान की बुआई में कमी ने आरबीआई की चिंता बढ़ा दी है. मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान करते हुए आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने धान की बुआई में कमी पर नजर बनाये रखने पर जोर दिया है. आरबीआई गर्वनर ने अपने बयान में कहा कि खरीफ फसलों में धान की बुआई कम हुई है और इसपर बेहद गंभीरता पूर्वक नजर बनाये रखने की जरुरत है. 


धान की कम बुआई ने बढ़ाई चिंता
आरबीआई गर्वनर ने कहा कि साउथ-वेस्ट मानसून अपने ट्रैक पर है. हाल के दिनों में खरीफ फसलों की बुआई में तेजी आई है.  लेकिन धान की बुआई में कमी है जिसपर नजर रखने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि हमारे पास बड़ा बफर स्टॉक है. शक्तिकांत दास ने कहा कि लोगों के महंगाई के अनुमान में  थोड़ी कमी आई है  लेकिन ये अभी भी ज्यादा है. आरबीआई गर्वनर के मुताहित गैर-मौसमी बारिश और ज्यादा बारिश से खाने पीने की चीजों खासतौर से साग-सब्जियों की कीमतों पर असर पड़ सकता है. 


गेहूं के बाद चावल संकट!
बहरहाल आरबीआई गर्वनर का धान को लेकर दिया गया बयान महत्वपूर्ण है. गेहूं (Wheat) के बाद अब दुनियाभर में चावल ( Rice) का संकट पैदा होने की आशंका है. दरअसल देश के कई इलाकों में बारिश नहीं होने के चलते धान की बुआई पर असर पड़ा है जिसके चलते इस वर्ष चावल के उत्पादन में बड़ी कमी आ सकती है. भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश है. वैसे ही रूस यूक्रेन युद्ध ( Russia - Ukraine War) के चलते पूरी दुनिया में गेहूं की कमी देखने को मिली है जिसके चलते गेहूं के दामों में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला. गेहूं के महंगा होने के चलते आटा और उससे बनने वाली चीजों महंगी होती गई जिससे महंगाई बढ़ गई. अब महंगाई के इस दौर में चावल का संकट खड़ा हो सकता है जिसका सामना पूरी दुनिया को करना पड़ सकता है.पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में बारिश के कमी के चलते धान की बुआई में 13 फीसदी की कमी आई है.


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