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RBI Monetary Policy: आरबीआई ने 0.50 फीसदी महंगा किया कर्ज, GDP ग्रोथ का अनुमान 7.2 फीसदी पर बरकरार, जानिए बड़ी बातें
RBI Monetary Policy: देश के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने वित्त वर्ष 2023 के लिए महंगाई दर के अनुमान को 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा है. इसके अलावा और बड़ी बातें भी जानें...
RBI Monetary Policy: आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की मीटिंग के फैसलों का एलान कर दिया है और इसमें रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा कर दिया गया है. साफ तौर पर अब आपके लोन की ईएमआई महंगी होने वाली है क्योंकि बैंकों को आरबीआई से महंगा लोन मिलेगा जिसका असर वो ग्राहकों को पास ऑन करेंगे. आज आरबीआई की एमपीसी के एलानों में क्या बड़ी बातें रही हैं- ये आप यहां जानें
RBI Monetary Policy की बड़ी बातें
- रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद ये 4.90 फीसदी से बढ़कर 5.40 फीसदी पर आ गया है. रेपो रेट के अलावा आरबीआई ने स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) को 4.65 फीसदी से बढ़ाकर 5.15 फीसदी कर दिया है. इसके अलावा मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट यानी MSF को 5.15 फीसदी से बढ़ाकर 5.65 फीसदी कर दिया है. इन तीनों दरों में 0.50-0.50 फीसदी का इजाफा कर दिया है.
- आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023 के लिए महंगाई दर के अनुमान को 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा है. इसके तहत वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में महंगाई दर 7.1 फीसदी, तीसरी तिमाही में महंगाई दर 6.4 फीसदी, चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी पर रहने का अनुमान है. वहीं वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में महंगाई दर 5 फीसदी पर रहने का अनुमान है.
- आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023 के लिए देश की आर्थिक विकास दर के अनुमान में बदलाव नहीं किया है और इसे 7.2 फीसदी पर बरकरार रखा है.
- आरबीआई के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी रहेगी और चालू वित्त वर्ष में इंडियन इकोनॉमी में सबसे ज्यादा तेजी दर्ज की जाएगी.
- आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय रुपये में आ रही गिरावट के पीछे का मुख्य कारण अमेरिकी डॉलर में लगातार आ रही मजबूती है. हालांकि अन्य ग्लोबल करेंसी के मुकाबले रुपये में तुलनात्मक रूप से गिरावट कम है. आरबीआई की नीतियों के कारण रुपये में गिरावट पर अंकुश लगा है.
- आरबीआई गवर्नर ने बताया कि भारत में चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है और पहली तिमाही में देश में 1360 करोड़ डॉलर का एफडीआई निवेश आया है.
- आरबीआई गवर्नर ने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था भी ग्लोबल इकोनॉमी की बदलती परिस्थितियों से अछूती नहीं है और देश में महंगाई को लेकर चिंताएं बरकरार हैं. देश का एक्सपोर्ट और इंपोर्ट के आंकड़ों में बदलाव का असर करेंट अकाउंट डेफिसिट की तय लिमिट के अंदर रहने की उम्मीद है.
- मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ने सीआरआर यानि कैश रिजर्व रेशियो में कोई बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला लिया है.
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