RBI Interest Rate on Floating Rate Bonds: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्डस के लिए ब्याज दरों को बढ़ा दिया है. इन्हें 7.15 फीसदी से बढ़ाकर 7.35 फीसदी पर ले आया गया है. इस बात की घोषणा आरबीआई ने 30 दिसंबर 2022 को एक प्रेस रिलीज के जरिए की है. इस फ्लोटिंग रेट में बदलाव उस घोषणा के बाद आया है जिसमें केंद्र सरकार ने नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) की ब्याज दरों को बढ़ाया है. 


जानें क्यों बढ़ी हैं इन बॉन्ड्स की ब्याज दरें


आरबीआई के इन फ्लोटिंग रेट बॉन्ड्स की ब्याज दरों में जो बदलाव होता है वो एनएससी की ब्याज दरों से लिंक्ड होता है.  26 जून 2020 से जारी गाइडलाइंस के मुताबिक एनएससी रेट्स के मुकाबले फ्लोटिंग रेट वाले बॉन्ड्स की ब्याज दरें 0.35 फीसदी ज्यादा हुआ करती हैं.


कल ही छोटी बचत योजनाओं में बढ़ी हैं ब्याज दरें


कल ही जारी छोटी बचत योजनाओं की ब्याज बढ़ोतरी के बाद एसएससी में 7 फीसदी की ब्याज दरें मिलेंगी. ये ब्याज दरें वित्त वर्ष 2023-24 की जनवरी-मार्च तिमाही के लिए तय की गई हैं. इसमें इससे पिछली तिमाही के 6.8 फीसदी के मुकाबले 0.20 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. इस तरह एनएससी के ब्याज दरों में 0.20 फीसदी का इजाफा हुआ और इसके आधार पर ही आरबीआई के फ्लोटिंग रेट बॉन्ड्स में भी इस तरह की बढ़ोतरी की गई.


आरबीआई के मुताबिक फ्लोटिंग रेट्स बॉन्ड्स  1 जुलाई 2020 से उपलब्ध हुए थे. इसके पहले कूपन पेमेंट के लिए 1 जुलाई 2021 को 7.15 फीसदी की ब्याज दरों को लागू किया गया था. इसके बाद एनएसई के 6.8 फीसदी के रेट पर पहुंचने के साथ ही पहले 7 फीसदी और फ्लोटिंग रेट बॉन्डेस के लिए 7.35 फीसदी की ब्याज दरों को लागू माना गया. 


एनएसई के ऊपर लागू ब्याज दरों की केंद्र सरकार हर तिमाही में समीक्षा करती है. सरकार इन ब्याज दरों को इस आधार पर बदलती है जिसमें श्यामला गोपीनाथ कमिटी के फॉर्मूला को माना गया था. इस फॉर्मूला के मुताबिक सरकार की कई बचत योजनाओं की ब्याज दरें सरकार के बॉन्ड्स के ब्याज दरों से 0.25 फीसदी से 1 फीसदी के बीच ज्यादा होनी चाहिए.


ये भी पढ़ें


Raghuram Rajan: क्या रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन रखने वाले हैं राजनीति में कदम? जानें उनका जवाब