Finance Company: फाइनेंस कंपनियों और कुछ प्राइवेट बैंकों पर नियमों को तोड़कर काम करने की बात कोई नहीं है. आए दिन इनकी शिकायतें मिलती रहती है. रिजर्व बैंक की जांच में बिजनेस बढ़ाने के लिए ऐसी ही दो वित्तीय संस्थाओं द्वारा की जा रही का खुलासा हुआ है.  दोनों के खिलाफ भारी जुर्माना लगाया iगया है. ये दोनों वित्तीय संस्थाएं हैं-मन्नापुरम फाइनेंस और इंडसइंड बैंक. इन दोनों के 31 मार्च 2023 तक की वित्तीय स्थितियों की परख के लिए रिजर्व बैंक द्वारा की गई जांच से इनके गोरखधंधों का पता चला है. नियमों का उल्लंघन कर ग्राहकों को सेवा देने के आरोप में रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को मन्नापुरम फाइनेंस के खिलाफ 27 लाख 30 हजार और इंडसइंड बैंक के खिलाफ 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया.


दोनों की किस तरह की हेराफेरी पकड़ में आई


मन्नापुरम फाइनेंस कस्टमर के जुड़ने के समय ही उनके पैन कार्ड वेरीफिकेशन नहीं करने की दोषी पाई गई है. रिजर्व बैंक के अधिकारियों को जांच के दौरान ऐसे कई उदाहरण मिले. इसके अलावा मन्नापुरम फाइनेंस को कस्टमर को यूनिक कस्टमर आईडी देने की जगह एक ही कस्टमर को कई-कई कस्टमर आईडी देने का भी दोषी पाया गय़ा है. इसी तरह इंडसइंड बैंक में भी चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं. यहां कई सेंविग्स एकाउंट ऐसे लोगों के नाम खोल दिए गए, जो इसके लायक ही नहीं थे. आर्थिक जुर्माना इसी आरोप में लगाया गया है. दोनों ही कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई का कारण रिजर्व बैंक के रेगुलटेरी कंप्लायंस का उल्लंघन और कस्टमर के साथ एग्रीमेंट के दौरान अपनाए जाने वाले मानक तरीकों में ढील देना है.


रिजर्व बैंक ने पहले दिया था कारण बताओ नोटिस


रिजर्व बैंक ने पहले दोनों कंपनियों को कारण बताओ नोटिस देकर कहा था कि क्यों न उनके खिलाफ जुर्माना लगाया जाय. दोनों कंपनियों की ओर से आए जवाब पर विचार करने के बाद रिजर्व बैंक ने यह जुर्माना लगाया है.


ये भी पढ़ें: 


Online Payment: NACH से पेमेंट हुआ है फेल? बिना घबराएं तुरंत करें ये काम, होगा समस्या का समाधान