RBI Decisions on NRI Deposit: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अनिवासी भारतीयों यानी एनआरआई के फॉरेन करेसी डिपॉजिट पर ब्याज दर सीमा बढ़ाने का ऐलान किया है. इस कदम के जरिए रुपये पर दबाव के बीच पूंजी प्रवाह (कैपिटल फ्लो) को बढ़ाने के लिए कोशिश की गई है. रिजर्व बैंक ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब रुपया डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. रुपया मौजूदा हफ्ते में ही अब तक सबसे निचले स्तर 84.75 प्रति डॉलर तक आ गया था.
अनिवासी भारतीयों की विदेशी मुद्रा जमाओं पर ब्याज दर सीमा बढ़ाने का RBI का ऐलान
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने चालू वित्त वर्ष के लिए पांचवीं क्रेडिट पॉलिसी के ऐलान में कहा कि विदेशी मुद्रा अनिवासी बैंक जमा यानी एफसीएनआर (बी) जमा पर ब्याज दर की सीमा को बढ़ाने का फैसला लिया गया है. रिजर्व बैंक रुपये की अस्थिरता पर काबू पाने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल करता दिख रहा है. इसी क्रम में आरबीआई ने नॉन-रेजीडेंट इंडियंस (एनआरआई) की विदेशी मुद्रा जमा पर ब्याज दर बढ़ाने का फैसला किया है.
जानें FCNR (B) डिपॉजिट पर कितना बढ़ा ब्याज
शुक्रवार से बैंकों को अब एक साल से लेकर तीन साल से कम अवधि की नई एफसीएनआर (बी) डिपॉजिट पर अल्पकालिक वैकल्पिक संदर्भ दर (एआरआर) जमा चार फीसदी दर पर जुटाने की अनुमति दे दी गई है जबकि पहले यह 2.50 फीसदी थी. इसी तरह तीन से पांच साल की अवधि की मैच्योरिटी वाले डिपॉजिट पर एआरआर प्लस पांच फीसदी ब्याज दिया जा सकता है, जबकि पहले यह सीमा 3.50 फीसदी थी. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि एफसीएनआर पर यह छूट अगले वर्ष 31 मार्च तक ही उपलब्ध रहेगी.
आरबीआई ने रुपये पर आए दबाव के बीच किया बड़ा फैसला
दुनिया में विदेशों से सबसे ज्यादा रेमिटेंस हासिल करने वाले देश भारत ने रुपये पर आए दबाव के बीच हाल में एनआरआई डिपॉजिट पर बेहतर ब्याज दरों को ऑफर किया है. इस बीच शक्तिकांत दास ने भारत कनेक्ट' के साथ जुड़ाव के जरिये विदेशी करेंसी-रिटेल प्लेटफॉर्म की पहुंच को बढ़ाने की भी घोषणा भी की. शक्तिकांत दास ने कहा कि अक्टूबर और नवंबर में अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की ओर से बिकवाली के दबाव से रुपये में 1.3 फीसदी की गिरावट आई है. हालांकि उन्होंने कहा कि इमर्जिंग मार्केट्स की तुलना में उतार-चढ़ाव कम रहा है.
शक्तिकांत दास ने कहा कि एमएसएमई के लिए फॉरेन करेंसी के मूल्य निर्धारण में अधिक पारदर्शिता और निष्पक्षता लाने के इरादे से सीसीआईएल) ने 2019 में एफएक्स-रिटेल मंच पेश किया था. फिलहाल यह मंच एक इंटरनेट-बेस्ड ऐप के जरिये मिलता है लेकिन अब इसे एनपीसीआई भारत कनेक्ट से संचालित होने वाले भारत कनेक्ट (पहले भारत बिल पेमेंट सर्विस) के साथ जोड़ने का प्रस्ताव है.
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