UPI Lite: बिना इंटरनेट के अब ज्यादा कर पाएंगे भुगतान! आरबीआई ने बढ़ाई यूपीआई लाइट पेमेंट की लिमिट
UPI Lite: यूपीआई लाइट की लिमिट को लेकर आरबीआई ने बड़ा फैसला लिया है. अब यूजर्स बिना इंटरनेट के 200 रुपये की लेनदेन के बजाय 500 रुपये की लेनदेन कर सकते हैं.
UPI Lite Payment Limit: भारतीय रिजर्व बैंक ने यूपीआई लाइट को लेकर गुरुवार को अहम फैसला लिया है. अपनी मौद्रिक नीति (RBI Credit Policy) का एलान करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने घोषणा की है कि अब बिना इंटरनेट के यूपीआई लाइट (UPI Lite) के जरिए यूजर्स 200 के बजाय 500 रुपये तक का पेमेंट कर पाएंगे. आरबीआई के यूपीआई लिमिट में बढ़ोतरी के एलान से देश में डिजिटल पेमेंट की पहुंच और ज्यादा बढ़ेगी.
यूपीआई में होगा AI का इस्तेमाल-
शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि डिजिटल पेमेंट एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए AI जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम को जोड़ने में मदद करेगा और यूजर्स के अनुभव को बेहतर बनाएगा. इसके साथ ही आरबीआई निकट क्षेत्र संचार का इस्तेमाल करके यूपीआई लाइट पेमेंट की भी अनुमति देगा.
क्या है यूपीआई लाइट?
आमतौर पर यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिये पेमेंट करने के लिए इंटरनेट की जरूरत पड़ती है, लेकिन यूपीआई लाइट के द्वारा यूजर्स 500 रुपये तक का पेमेंट बिना इंटरनेट के भी कर सकते हैं. यह एक एक ऑन डिवाइस वॉलेट सुविधा है जिसमें यूजर्स रियल टाइम में छोटे अमाउंट का पेमेंट बिना यूपीआई पिन के कर सकते हैं. आरबीआई ने यूपीआई लाइट में अधिकतम 2,000 रुपये तक का बैलेंस रखने की सुविधा दी है.
आरबीआई ने क्यों बढ़ाई ट्रांजैक्शन लिमिट?
यूपीआई लाइट की लिमिट को बढ़ाने के पीछे मुख्य कारण यह है कि लोग आम दिनों में छोटे ट्रांजैक्शन के लिए भी यूपीआई का इस्तेमाल करने में सक्षम बन सके. यूपीआई लाइट के लॉन्चिंग के बाद से ही इसकी लेनदेन की लिमिट को बढ़ाने की मांग की जा रही थी. ऐसे में यूजर्स की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने अब इसकी लिमिट को बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया है.
नहीं हुआ रेपो रेट में बदलाव
अपनी मौद्रिक नीति का एलान करते हुए रिजर्व बैंक ने लगातार तीसरी बार रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट (Repo Rate & Reverse Repo Rate) में किसी तरह का बदलाव न करने का फैसला किया है. ऐसे में फिलहाल रेपो रेट 6.50 फीसदी तक स्थिर बनी हुई है. आरबीआई के इस फैसले से उन लोगों को राहत मिली है जो आने वाले वक्त में लोग लेने वाले है, लेकिन सस्ती दरों की उम्मीद लगाने वाले ग्राहकों को फिलहाल महंगी ईएमआई से छुटकारा नहीं मिलने वाला है.
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