RBI Update: बैंकिंग सेक्टर (Banking Sector) के रेग्यूलेटर भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने बैंकों में गाढ़ी कमाई डिपॉजिट करने वालों को बड़ी राहत दी है. अब बैंकों में 1 करोड़ रुपये तक के फिक्स्ड डिपॉजिट ( Fixed Deposit) करने वाले डिपॉजिटर्स मैच्योरिटी से पहले पैसा वापस निकाल सकेंगे, पहले ये लिमिट 15 लाख रुपये थी. ऐसा इसलिए संभव हो सकेगा क्योंकि आरबीआई ने नॉन-कैलेबल डिपॉजिट्स (Non-Callable Deposits) वाले टर्म डिपॉजिट्स (Term Depsoits) की लिमिट को 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दिया है. आरबीआई का ये आदेश एनआरई डिपॉजिट (NRE Deposit) और एनआरओ डिपॉजिट्स (NRO Deposit) पर भी लागू होगा. आरबीआई (RBI) का ये आदेश फौरी तौर पर लागू हो चुका है.
आरबीआई ने 26 अक्टूबर 2023 को नोटिफिकेशन जारी कर कहा, बैंकों को प्री-मैच्योर विड्रॉल ऑप्शन (Pre-Mature Withdrawal Option) के साथ 15 लाख रुपये तक या उससे कम का टर्म डिपॉजिट लेने का विकल्प दिया गया है. साथ ही बैंकों को बगैर प्री-मैच्योर विकल्प के साथ नॉन-कैलेबल डिपॉजिट्स पर अलग अलग ब्याज दरों पर डिपॉजिट्स स्वीकार करने का विकल्प दिया गया है. आरबीआई ने इसे रिव्यू करने के बाद तय किया है कि नॉन-कैलेबल एफडी की लिमिट को 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये किया जाता है जिसपर प्री-मैच्योर विड्रॉल फैसिलिटी उपलब्ध होगा. ये निर्णय एनआरई और एनआरओ डिपॉजिट पर भी लागू होगा.
आपको बता दें नॉन-कैलेबल डिपॉजिट के तहत आने वाले एफडी के अवधि के पूरा होने से पहले प्री-मैच्योर विड्रॉल का विकल्प नहीं है. एक बार ऐसे एफडी में पैसे डालने पर मियाद के पूरा होने से पहले एफडी तोड़ा नहीं जा सकता है. नॉन कैलेबल एफडी पर बैंक सामान्य एफडी के मुकाबले ज्यादा ब्याज देते हैं. उदाहरण के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा 2 करोड़ रुपये से कम के नॉन-कैलेबल एफडी पर 0.25 फीसदी ज्यादा ब्याज देता है.
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